नई भूमि नीति और NRC के मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायकों ने अलग ढंग से अपना विरोध प्रदर्शन किया। बताना चाहते है कि कांग्रेस के विधायक शेरमन अली और दो अन्य विधायक विधानसभा फ्लोर पर लेट गए. जिसे लेकर खूब चर्चा हो रही है. साथ ही इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इस वाकये के बाद विधानसभा स्पीकर हितेश गोस्वामी ने इसे अस्वीकार कर दिया. मामले में विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने कांग्रेस के तीनों विधायकों को मार्शलों के जरिए बाहर निकाल दिया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार कांग्रेस विधायक शेरमन अली को आज विधानसभा से सस्पेंड कर दिया है.
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अली ने भूमि नीति 2019 को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसपर चर्चा की मांग की. लेकिन इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा कराने की इजाजत देने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस विधायक अपनी मांग पर जोर देते हुए सदन के बीचो-बीच चले गए और लगातार बहस करते रहे.इस कारण से सदन में हंगामा शुरू हो गया और विपक्ष तथा भाजपा विधायकों ने आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए.
इसके बाद अध्यक्ष ने अली को दिन भर के लिए सदन से निलंबित कर दिया लेकिन जब उन्होंने जाने से मना किया तो गोस्वामी ने मार्शलों से कांग्रेस विधायक को निकालने को कहा. नयी भूमि नीति के तहत भूमिहीन मूलवासियों को एक एकड़ कृषि भूमि और मकान बनाने के लिए 0.16 एकड़ जमीन दी जाएगी, जो 15 साल तक नहीं बेची जा सकेगी.
असम सरकार ने आखिरी बार भूमि नीति को 30 साल पहले 1989 में लागू किया था. उससे पहले 1958, 1968 और 1972 में नीति लायी गयी थी. राज्य सरकार ने कहा है कि भूमि नीति 2019 मूल लोगों के हितों की रक्षा करेगी और भूमि आवंटन तथा बसाहट के संबंध में जटिलताओं को दूर करेगी.
इस पर आपत्ति प्रकट करते हुए अली ने सदन के बाहर पीटीआई-भाषा से कहा कि भूमि नीति असंवैधानिक है क्योंकि नीति में मूलवासियों की परिभाषा स्पष्ट नहीं है. इसके अलावा, भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है. मूल लोगों या भारतीय होने के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता.