नुसरत जहांन बोली- हिंदू और मुस्लिम का मामला नहीं है. मेरा मौलवियों को यही संदेश है कि वे आराम करें. ये खुशी मनाने का वक़्त है, सियासत करने का नहीं
"Those who have not given me my name…do not have any right to ask me to change it," @nusratchirps said.
(@manogyaloiwal)https://t.co/iJKrhDgrqs— IndiaToday (@IndiaToday) October 7, 2019
न्यूज़ ट्रैक हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की युवा और अभिनेत्री से बनी सांसद और बंगाली नुसरत जहां ने देवबंदी उलेमा को करारा जवाब दिया है। नुसरत ने कहा है कि जिन्होंने मुझे मेरा नाम नहीं दिया, उन्हें मेरा नाम बदलने को कहने का कोई अधिकार नहीं है।
Islamic clerics up in arms against TMC MP Nusrat Jahan. Watch panelists debate on #5iveLive with @ShivAroor.
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उन्होंने कहा कि ये हिंदू और मुस्लिम का मामला नहीं है। मेरा मौलवियों को यही संदेश है कि वे आराम करें। ये खुशी मनाने का वक़्त है, सियासत करने का नहीं।
"What she has done is ‘Haram", says Muslim cleric on TMC MP Nusrat Jahan attending the Durga puja event in Kolkata https://t.co/lkUOUDRqT1
— The Hindu (@the_hindu) October 7, 2019
वहीं उनके पति निखिल जैन ने कहा है कि नुसरत ने ऐसे लोगों को हमेशा उचित जवाब दिया और आगे भी उन्हें ऐसे ही उत्तर मिलता रहेगा। गौरतलब है कि, नुसरत जहां दुर्गा पूजा के मौके पर कोलकाता के पंडाल में अपने पति निखिल जैन के साथ सिंदूर लगाकर पहुंचीं थीं।
इसके बाद देवबंदी उलेमा उनसे एक बार फिर खफा हो गए। देवबंदी उलेमा का कहना है कि यदि नुसरत जहां को मजहब के खिलाफ काम करने हैं, तो वह अपना नाम बदल सकती हैं।
सिंदूर लगाने और मंगलसूत्र पहनने को लेकर उलेमाओं के टारगेट पर आईं नुसरत जहां हाल में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में हिस्सा लेने पर सुर्ख़ियों में आई थीं।
इस्कॉन के कोलकाता में जगन्नाथ रथयात्रा में विशेष निमंत्रण पर नुसरत ने अपने पति के साथ रथयात्रा में हिस्सा लिया था। इस पर फतवा ऑनलाइन के प्रभारी मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि मुसलमान किसी दूसरे मजहब की निशानी या गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकता है।
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