प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात 2.0 की 17वीं कड़ी में देशवासियों को दशहरे के पर्व की शुभकामाएं दी।
उन्होंने कहा कि दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। लेकिन, साथ ही, ये एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है।
सभी देशवासियों को विजयादशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व हर किसी के जीवन में नई प्रेरणा लेकर आए।
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2020
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस दौरान सावधानियों के साथ त्योहार मनाने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज, आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मयार्दा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए, जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है।
पहले, दुर्गा पंडाल में, मां के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी – एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नही हो पाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले, दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप भी अलग ही है।
रामलीला का त्योहार भी, उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी कुछ-न-कुछ पाबंदियां लगी हैं। पहले, नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ छाई रहती थी, इस बार, बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अभी, आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं। अभी ईद है, शरद पूर्णिमा है, वाल्मीकि जयंती है, फिर, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा है, गुरु नानक देव जी की जयंती है – कोरोना के इस संकट काल में, हमें संयम से ही काम लेना है, मर्यादा में ही रहना है।
PM मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में कहा की आज विजयादशमी यानी दशहरे का पर्व है। इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं।
दशहरे का ये पर्व,असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। आज आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं,उसमें जीत भी सुनिश्चित है।
हमें अपने उन जांबाजों को भी याद रखना है जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं और भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं।
हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है।
जब हम त्योहार की बात करते हैं, तो सबसे पहले मन में यही आता है कि बाज़ार कब जाना हैं? इस बार जब आप खरीदारी करने जाएं तो #VOCAL_FOR_LOCAL का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाज़ार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती 31 अक्टूबर को हम ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे। बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई तत्व मौजूद हों-वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण।
दिल्ली के कनॉट प्लेस के खादी स्टोर में इस बार गांधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपए से ज़्यादा की खरीदारी हुई।
इसी तरह कोरोना समय में खादी के मास्क भी बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। देशभर में कई जगह सेल्फ हेल्प ग्रुप और दूसरी संस्थाएं खादी के मास्क बना रहे हैं
आज कश्मीर का पुलवामा पूरे देश को पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज देशभर में बच्चे अपना होमवर्क करते हैं नोट्स बनाते हैं तो कहीं न कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है