सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
Oil prices surge as attack on Saudi Aramco facility disrupts outputhttps://t.co/IzzOv6ZcND pic.twitter.com/gu0faiNmQd
— Hindustan Times (@htTweets) September 16, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यापार की शुरुआत में ब्रेंट क्रूड 19 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि अन्य प्रमुख बेंचमार्क, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 15 प्रतिशत बढ़कर 63.34 डॉलर हो गया। बता दें कि कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद भारत में लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है।
The price of #oil barrel surging more than 10% upon news of attack on Saudi #Aramco facilities. We are probably going to get used to such developments in upcoming months as the Persian Gulf crisis is escalating. pic.twitter.com/4sj5crFoDq
— Leon Kraversky (@leonkraversky) September 16, 2019
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आपात भंडार से कच्चे तेल को निकाला है जिसके बाद बाजार को राहत मिली है और कीमतों में थोड़ी कमी आई है। लेकिन फिर भी सऊदी तेल ठिकानों को पहले की तरह तेल उत्पादन वापस शुरू करने में अभी कुछ हफ्ते लग सकते हैं।
Saudis race to fix oil supply after Aramco attack slashes output by halfhttps://t.co/dZbNDk6bru
— Business Standard (@bsindia) September 15, 2019
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब के तेल ठिकानों में ड्रोन हमले के लिए तेहरान को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि ईरान ने अमेरिका के दावे को सिरे से खारिज किया है, साथ ही ईरान ने अमेरिका पर तीखा पलटवार करते हुए ‘छल’ का आरोप लगाया है।
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट किया, ‘एक तरफ हसन रूहानी और जावेद जरीफ (ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री) कूटनीति की बात कर रह हैं, और दूसरी तरफ सऊदी अरब पर होने वाले क़रीब 100 हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार है।
ईरान ने अब दुनिया की तेल आपूर्ति पर हमला शुरू कर दिया है, इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि हमला यमन की ज़मीन से हुआ था।’
बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक ट्वीट में कहा कि अमेरिका जानता था कि अपराधी कौन था और ‘बंद और लोड’ था लेकिन सउदी से सुनने का इंतजार कर रहा था कि वे कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं। एक अन्य ट्वीट में ट्रम्प ने कहा कि ‘बहुत तेल था!’।
गौरतलब है कि सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको दुनिया की सबसे अहम तेल कंपनियों में से एक है और कच्चे तेल की सबसे बड़ी निर्यातक है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आने वाला 10 फीसदी कच्चा तेल सऊदी अरब से आता है और उत्पादन कम हुआ तो बाजार में तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं। अरामको ने एक बयान में कहा कि हमले की वजह से रोजाना 57 लाख बैरल कच्चे तेल के उत्पादन पर असर पड़ेगा।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमान ने कहा कि हमलों के बारे में अभी किसी भी विवरण में नहीं गए हैं, यह कहते हुए कि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन तेल उत्पादन के बारे में कुछ और संकेत दिए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उत्पादन में कुछ गिरावट आएगी। हमलों के बाद अबकैक और खुरैस तेल संयंत्रों में उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यहां तेल आपूर्ति सामान्य होने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है, प्रतिदिन सात मिलियन बैरल से अधिक की शिपिंग करता है।
गौरतलब है कि हिजरा खुरैस में रोजाना लगभग 15 लाख बैरल तेल का उत्पादन होता है। साथ ही दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के भंडार वाले अबकैक को निशाना बनाया गया। अबकैक में 70 लाख बैरल तेल प्रोसेस होता है।
लंदन में इंटरफैक्स एनर्जी में एनालिटिक्स के प्रमुख अभिषेक कुमार ने कहा कि सऊदी अधिकारियों ने आग को नियंत्रित करने का दावा किया है, लेकिन यह उन्हें बुझाने में बहुत कम है। सऊदी अरब को भंडार में टैप करने की उम्मीद है ताकि इस सप्ताह निर्यात सामान्य रूप से जारी रह सके।