आल्ट न्यूज़ फैक्ट चेक- पुराने वीडियो को लॉकडाउन में अहमदाबाद की मस्जिद में लोगों के इकठ्ठा होने के दावे से शेयर किया गया

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक मस्जिद से निकलते कुछ लोगों को देखा जा सकता है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि अहमदाबाद के जमालपुर में कई मुस्लिम लोग एक मस्जिद में इकट्ठे हुए हैं और ये लॉकडाउन का उल्लंघन है. 29 अप्रैल को जीतू देसाई नाम के एक फ़ेसबुक यूज़र ने इसी दावे के साथ एक वीडियो पोस्ट किया.

इस मेसेज में आगे ये भी बताया जाता है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो 3 मई को भी लॉकडाउन ख़तम नहीं होगा और फिर हो सकता है ये दीवाली तक चलता रहे. गुजराती में लिखा मेसेज यूं है – “અમદાવાદ ના જમાલપુર વિસ્તારનું દ્રશ્ય …..આ પરિસ્થિતિ આવી જ રહે તો 3 May શુ દિવાળી સુધી પણ લોકડાઉન ખોલાય ? આ પરિસ્થિતિ માં કોરોના કાબુ મા કેમ આવે ?” ऑल्ट न्यूज़ को ऑफिशियल व्हाट्सऐप नंबर (+91 7600011160) पर ऐसी कई रीक्वेस्ट्स मिली हैं जिसमें लोग इस मेसेज की सच्चाई जानना चाहते हैं.

सूप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता और भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “यह जाहिलियत नहीं तो और क्या है? देश के कानून से ऊपर हैं यह क्या?आलोचना करो तो कहते हैं कि हमारे धर्म को निशाना बनाया जा रहा हैखतरे में आप नहीं हैं आप की वजह से यह देश है देखते हैं कितने लोग इनके समुदाय से निकल कर आते हैं? जिसको बुरा लगता है लगे, गलत है तो गलत है ” हालांकि, उन्होंने इस बात का ज़िक्र नहीं किया कि ये वीडियो कहां का है लेकिन एक समुदाय को टारगेट करते हुए उन्होंने ये ट्वीट किया है.

कई लोगों ने ऑल्ट न्यूज़ की एंड्रॉइड ऐप पर भी इसकी सच्चाई जानने के लिए कई लोगों ने रिक्वेस्ट की.

फ़ैक्ट चेक

डिजिटल वेरिफ़िकेशन टूल InVid के ज़रिये ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो को कई फ़्रेम्स में तोड़ा. इसके बाद हमने रूसी सर्च इंजन Yandex पर इसे रिवर्स इमेज सर्च किया. यहां से हमें मालूम पड़ा कि ये वीडियो 23 मार्च 2020 को को पोस्ट किया गया था. ट्वीट में लिखा हुआ था, “डोंगरी में अभी-अभी लोकल पुलिस ने मस्जिद बंद करवा दी है. ACP धर्माधिकारी मौके पर मौजूद हैं.” यहां ध्यान देने लायक बात है कि प्रधानमंत्री ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था लेकिन 21 दिन लम्बे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान 24 मार्च 2020 को हुआ था.

https://twitter.com/BeingHarmesh09/status/1242121299385671682

मुंबई मिरर ने 23 मार्च 2020 को रिपोर्ट किया था – “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को प्रदेश भर में कर्फ्यू का ऐलान किया था क्यूंकि वहां के लोग जनता कर्फ्यू फॉलो करने के बाद लगातार धारा 144 का उल्लंघन कर रहे थे.” न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक़ पुलिस को ये मालूम पड़ा था कि कुछ 100-150 लोग धारा 144 लागू किये जाने के बावजूद इकट्ठे होकर मस्जिद में नमाज़ अदा कर रहे थे. वहां कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए धारा 144 लगाई गयी थी. ACP धर्माधिकारी के नेतृत्व में एक टीम इस मस्जिद पर पहुंची और वहां मौजूद लोगों को उसे खाली करने के लिए कहा. बाद में जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में इस मस्जिद के ट्रस्टीज़ के खिलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज करवाई गयी.

एक और वीडियो है जो कि इसी दिन का है और इसमें भी पुलिस को मस्जिद खाली करवाते हुए देखा जा सकता है.

इस वीडियो को ट्विटर यूज़र Viral Sanghavi ने 8 अप्रैल को शेयर किया था. इन्होंने शेयर करते हुए लिखा कि ये इसी दिन का यानी 8 अप्रैल का वीडियो था.

अंत में, ये कहा जा सकता है कि मुंबई का एक महीने से ज़्यादा पुराना वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि अहमदाबाद के जमालपुर में कई मुसलमान लोग राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान इसका उल्लंघन कर रहे हैं.

साभार- ऑल्ट न्यूज़