सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सियाम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के साथ संवाद के लिए रास्ता खोल दिया है।
इसी महीने संविधान की धारा 370 को हटाएजाने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के सदस्यों का एक दल कुछ शर्तो पर दोनों नेताओं को रिहा करने की इजाजत देने को लेकर श्रीनगर में उनसे मिला।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, सरकार मुख्यधारा के नेताओं को रिहा करके उनको अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने की इजाजत देना चाहती है, किन्तु सरकार नहीं चाहती है कि वे कोई बयान जारी करें या किसी ऐसी गतिविधि में शामिल हों जिससे घाटी का माहौल बिगड़े।
सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया जाहिर करने के लिए कुछ और वक़्त मांगा है। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को इसी हफ्ते रिहा कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कोई भड़काऊ बयान नहीं देने का आश्वासन दिया है।
गिरफ्तारी के बाद से उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लोगों से मुलाकात करने से मना कर दिया गया है। उमर अब्दुल्ला को हरि निवास में कैद रखा गया है जबकि महबूबा मुफ्ती को चस्मा शाही अतिथिशाला में नज़रबंद करके रखा गया है।