एक सौ 30 करोड़ लोगों का टेस्ट करना मुमकिन नहीं है- स्वास्थ्य मंत्री

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि कोविड-19 के लिए 1.3 अरब लोगों का परीक्षण करना न तो संभव है और न ही सुसंगत है।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, भारत की आगे की रणनीति और परीक्षण के बारे में स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “वर्तमान परीक्षण रणनीति जरूरत आधारित है और ऐसे व्यक्तियों को प्राथमिकता देती है जो मुख्य रूप से जोखिम में हैं या जिन्हें लक्षण हैं। इस स्थिति को देखते हुए नियमित रूप से संशोधित किया जाता है।”

 

परीक्षण डेटा और क्षमता के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हमारी परीक्षण क्षमता 27 मई को प्रति दिन 1,60,000 है और हमने अब तक 32,44,884 परीक्षण किए हैं।

 

26 मई को हमने कुल 15,229 परीक्षण किए। अगर एक पल के लिए हम बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए 1.3 अरब जनसंख्या के परीक्षण की बात करते भी हैं, तो आप भी इस बात को मानेंगे कि यह न केवल एक महंगी प्रक्रिया है, बल्कि न तो यह संभव है और न ही सुसंगत है।”

 

उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी 2020 के पहले सप्ताह में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में एकमात्र प्रयोगशाला से देश में इस सुविधा की संख्या बढ़कर अब 624 हो गई है। इसमें 435 सरकारी प्रयोगशालाएं और 189 एनएबीएल से मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाएं हैं।

 

हर्षवर्धन ने कहा कि प्राथमिकता आधारित और लक्षित परीक्षण कोविड-19 के अधिक मामलों का पता लगाने और बीमारी पर अंकुश लगाने में मददगार होगा।

 

उन्होंने कहा, “परीक्षण सुविधाओं में निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के साथ, मुझे यकीन है कि हम अधिकतम मामलों को खोजने के लिए एक बेहतर स्थिति में होंगे।”