लॉकडाउन के दौरान एक राज्य से दुसरे राज्यों में जाने के लिए सभी को इजाज़त नहीं- गृहमंत्रालय

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गृह मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को एक से दूसरे राज्य में आने-जाने की जो ढील दी गई है वह सबके लिए नहीं है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, यह सुविधा केवल प्रवासी कामगारों, फंसे हुए पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए है।

 

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्रालय ने ऐसे फंसे हुए लोगों के आने-जाने को मंजूरी दी है जो लॉकडाउन से ठीक पहले अपने मूल निवास अथवा कार्यस्थलों से चले गए थे और लॉकडाउन के चलते लगी रोक के कारण लौट नहीं पाए थे।

 

पत्र में कहा गया है कि सुविधा परेशान लोगों के लिए है, लेकिन ऐसे लोग इसके दायरे में नहीं आते जो कामकाज के लिए अपने मूल स्थान से दूर हैं, लेकिन वे जहां हैं वहां ठीक से रह रहे हैं और आम दिनों की तरह अपने मूल स्थानों पर आना चाहते हैं।

 

लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों प्रवासी कामगार फंसे हुए हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्रेनों और बसों के जरिये उनके आने जाने की मंजूरी कुछ खास शर्तों पर दी, जिनमें भेजने और गंतव्य वाले राज्यों की सहमति, शारीरिक दूरी के नियमों का पालन आदि शामिल हैं।

 

गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद दो दिन में गुजरात से ओडिशा और उत्तर प्रदेश के लिए आठ ट्रेनें रवाना हुई हैं। इनमें अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और पालनपुर से लोग सवार हुए।

 

केरल से बिहार के अस्थायी कामगारों को लेकर पांच ट्रेनें रवाना हुई हैं। नागपुर से भी उत्तर प्रदेश के 977 लोगों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना हुई है।