उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए एक युवक की मौत के मामले में यूपी पुलिस पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं.
इस मामले में अब राजनीतिक गर्मी भी बढ़ने लगी है. बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों की जानबूझकर एनकाउंटर के नाम पर हत्या कर रही है.
fake encounter of pushpendra yadav in UTTAR PRADESH : Latest Report https://t.co/FQWVLWXJes via @YouTube
— TEESRI JUNG (@TeesriJungNews) October 9, 2019
झांसी में 28 वर्षीय एक युवक की पुलिस की गोली से रविवार को मौत हो गई थी. पुलिस का दावा है कि युवक ने पहले एक अधिकारी पर गोली चलाई जिसके बाद पुलिस वालों से उसकी मुठभेड़ हुई और युवक की मौत हो गई. जबकि परिवार वालों का आरोप है कि रिश्वत देने से मना करने पर उसे मार दिया गया.
Opposition Parties Slams UP CM Yogi Adityanath Over ''Fake'' Encounter#JhansiEncounter https://t.co/kyAmlwhH1S
— DailyaddaaNews (@Dailyaddaa) October 9, 2019
पुलिस का दावा है कि पुष्पेंद्र यादव बालू खनन का कारोबार करता था और रविवार को पुलिस इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के बाद एक पुलिस टीम ने उसे मार गिराया.
Terming the alleged encounter of a 'mining mafia' in #Jhansi as fake, the opposition in #UttarPradesh demanded the arrest of the guilty cops. https://t.co/3SOIh3nvJy
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) October 9, 2019
पुलिस के मुताबिक इसी टीम ने कुछ दिन पहले रेत खनन के लिए इस्तेमाल किए गए ट्रक को जब्त कर लिया था. लेकिन परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस वालों ने जब्त ट्रक के बदले ढेड़ लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी.
परिवार वालों के मुताबिक, पुष्पेंद्र ने पुलिस वालों से इस पूरे घटनाक्रम को उजागर करने की धमकी दी थी जिसकी वजह से उसकी हत्या कर दी गई. इस मामले में अब तक घटना में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ कोई केस भी दर्ज नहीं किया गया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए झांसी के डीएम शिवसहाय अवस्थी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं जबकि एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने कहा है कि इस मामले की जांच में अगर पुलिसवाले दोषी पाए जाएंगे, तो उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.
इस बीच झांसी पुलिस ने मंगलवार को पुष्पेंद्र यादव के खिलाफ पहले से दर्ज मामलों की जो सूची सार्वजनिक की है उनके अनुसार पुष्पेंद्र पर मामूली झड़पों के अलावा कोई ख़ास केस नहीं दर्ज है.
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार एनकाउंटर्स को लेकर कई बार चर्चा में रही है. सरकार इसे जहां अपनी उपलब्धि बताती है वहीं कई बार एनकाउंटर्स के फर्जी होने के आरोप लगे हैं.
कुछ एक मामलों में तो एनकाउंटर फर्जी पाए भी गए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी हुई. योगी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में अब तक साढ़े तीन हजार से भी ज्यादा एनकाउंटर हो चुके हैं जिनमें 73 अपराधियों के मारे जाने का दावा किया गया है. इस दौरान चार पुलिसकर्मी भी मारे गए.
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी