ओवैसी जिनाह की तरह भारतीय मुसलमानों के लिए घातक हैं- अख़लाक अहमद

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नेताओं के विवादित बयानों से अक्सर समाजिक तानाबाना बिगड़ते रहते हैं। जिन्ना से लेकर ओवैसी तक को भारत के मुस्लिमों पर आखिर क्या प्रभाव पड़ते रहे हैं? इन तमाम बातों पर कांग्रेस के सीनियर लीडर अख़लाक़ अहमद ने अपनी राय रखी है। 

 

दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अख़लाक अहमद ने कहा कि ओवैसी की जज्बाती बातें सुनने में अच्छी लगती हैं लेकिन उसके दूर रस नतीजे वैसे ही खतरनाक हैं जैसे मुहम्मद अली जिनाह की।

 

 

जिनाह भी बटवारे से पहले मुसलमानों में बहुत पसंद किए जाते थे लेकिन बटवारे के बाद खास तौर पर भारत में रह रहे मुसलमानों ने जो कुछ झेला है जो बर्दाश्त किया है और मुसलमान ही क्यों दोनों देशों ने जो झेला और जो अबतक झेल रहे हैं।

 

वह इतना भयावह है कि सोच कर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं मुसलमान जब सिर्फ अपने बारे में सोचना शुरू करता है तो पहले तो वह अपनी इस्लामी हैसियत यानी इस दुनिया में अल्लाह का खलिफा वाली हैसियत खो देता है।

 

और फिर वह देश दुनिया को एक गलत रास्ते पर ले जाने वाला व ले जाने में मदद करने वाला बन जाता है।

 

मुलायम सिंह नेता उस वक्त बनते हैं जब वह अपनी बिरादरी के बजाय दूसरों के बारे में ज्यादा चिंता महसूस करते हैं लेकिन जब से उन्होंने अपनी बिरादरी के बारे में ज्यादा सोचना शुरू किया तब से लगातार उनकी लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गिरता गया यही हाल कांशीराम और लालू प्रसाद यादव जैसे लोगों का हुआ।

 

अगर आप देश को एक नई दिशा देना चाहते हैं, देश या अपने छेत्र की नुमाइंदगी करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने और अपनी कौम से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचना और बोलना चाहिए।

 

ओवैसी को पसंद करने वाले लोग नादान हैं वह लोग ओवैसी और जिनाह की तरह अपना फायदा तो कर लेंगे लेकिन पूरी कौम को एक ना करदा जुर्म की सजा भुगतने के लिए तन्हा छोड़ देंगे जिस तरह जिनाह ने भारतीय मुसलमानों को अकेला छोड़ दिया। 

 

मेरी असदुददीन ओवैसी को भी सलाह है कि वह मुख्य धारा की राजनीति करें लोगों को जज्बाती बना कर अतिवाद के रास्ते पर न चलें ओवैसी साहब की मैं बहुत इज्जत करता हूं लेकिन उनके राजनीतिक रास्ते पर मुझे इत्मीनान नहीं है।