हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत पर निशाना साधा। ओवैसी ने रावत के हाल में दिए बयान पर कहा, ‘नीति का निर्णय नागरिक प्रशासन द्वारा किया जाता है, किसी जनरल द्वारा नहीं।’
जागरण डॉट कॉम ओवै छपी खबर के अनुसार, ओवैसी सी ने कहा, ‘CDS जनरल साहब को बताना चाह रहा हूं, कि अगर आप कट्टरपंथ को खत्म करना चाह रहे हो तो जुवेनाइल एक्ट पढ़ लो।
#WATCH Telangana:AIMIM chief Asaduddin Owaisi speaks on Chief of Defence Staff General Bipin Rawat's statement, "…There are people who've been completely radicalised. These people need to be taken out separately,possibly taken to some de-radicalisation camps",in Adilabad.(16.1) pic.twitter.com/nDqbZwB9bB
— ANI (@ANI) January 17, 2020
आईपीसी का कानून नहीं लगता बच्चों पर तो आप कौन सा डी-रेडिक्लाइज करेंगे।‘
ओवैसी ने आगे कहा कि मेरठ का एसपी मुस्लिम मोहल्लों में जाकर पुलिस फोर्स के साथ कहता है कि खाते यहां का गाते वहां का तुम पाकिस्तान चले जाओ वर्ना मैं पूरे गली को जेल में डाल दूंगा। पाकिस्तान के नारों पर कोर्ट तय करेगा कि लगे या नहीं और एसपी को कोर्ट में जवाब देना होगा।’
ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह उनका (बिपिन रावत) पहला हास्यास्पद बयान नहीं है। नीति का निर्णय नागरिक प्रशासन करता है, न कि कोई जनरल। नीति या राजनीति पर बात करके बिपिन रावत सिविलियन सुपरमेसी को कम कर रहे हैं।’
This is not the first ridiculous statement he has made. Policy is decided by civilian a dministration not by any General. By speaking on policy/politics, he is undermining civilian supremacy
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 16, 2020
रायसीना डायलॉग 2020 के दौरान एक पैनल चर्चा में जनरल रावत ने कहा था, ‘आतंकवाद के अंत के लिए हमें अमेरिका की राह पर चलना होगा।
अमेरिका ने जिस तरह 9/11 के बाद आंतकवाद के खिलाफ अभियान चलाया, केवल इसी तरह से अभी से आतंकवाद का खात्मा हो सकता है।’
इसके अलावा उन्होंने कहा था कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह वैसे लोगों को अलग करने के लिए जरूरी है, जिनका पूरी तरह चरमपंथीकरण हो चुका है।
उन्होंने कहा, ‘घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है। इन लोगों को कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है।
बिपिन रावत ने कहा कि ये शिविर उन लोगों के लिए जरूरी हैं जो चरमपंथ के चंगुल में फंस चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से प्रभावी तरीके से मुकाबले के लिए कट्टरपंथ को रोकना अहम है और इससे मुकाबला किया भी जा सकता है।