पाकिस्तान ने बंद की डाक सेवा, भारत ने कहा- यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है

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भारत ने पाकिस्तान द्वारा डाक सेवा बंद करने के फैसले पर नाराजगी जताई है। इस एकतरफा फैसले पर भारत ने कहा कि पाकिस्तान का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है। पाकिस्तान ने पिछले दो महीने से इस सर्विस को बंद किया हुआ है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत को पूर्व में इसकी कोई सूचना दिए बगैर ही यह फैसला लिया है। पाकिस्तान की तरफ से करीब 70 साल में पहली बार इस तरह का फैसला लिया गया है। इसके बाद भारत ने भी इस मामले को होल्ड पर रख दिया है। भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद से पाकिस्तान ने भारत के लिए एयरस्पेस, ट्रांसपोर्ट समेत कई सेवाओं पर रोक लगा दी है।

‘नहीं दी गई पूर्व सूचना’

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘पाकिस्तान का यह फैसला सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय डाक नियमों का उल्लंघन है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बगैर किसी पूर्व सूचना या नोटिस के पोस्ट डिपार्टमेंट के संदेश भारत भेजना बंद कर दिया है।

दिल्‍ली और मुंबई में हैं विदेशी डाकघरों की नोडल एजेंसी 

सेंट्रल दिल्ली के कोटला मार्ग पर एफपीओ को जम्मू-कश्मीर के अलावा छह राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से आने वाली खेप के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है, जबकि मुंबई में एफपीओ को बाकी देश के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। दिल्ली एफपीओ के अधीक्षक सतीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के अधिकांश डाक इस कार्यालय द्वारा भेजे जाते हैं और उनमें से अधिकांश पंजाब और जम्मू- कश्मीर से होते हैं। यह ज्यादातर अकादमिक और साहित्यिक सामग्री होती है। कुमार ने कहा कि उनके पास वर्ष भर की पाकिस्‍तान जाने वाली और आने वाली डाक/मेल का डिटेल नहीं है।

सीजफायर उल्लंघन के बाद तनाव बढ़ा

रविवार को पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों को घुसपैठ कराने में मदद के लिए सीजफायर का उल्लंघन किया गया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच पहले से चल रहा तनाव और बढ़ गया है। इसमें भारत के दो सैनिक और एक आम नागरिक की मौत हो गई। कुछ मिनटों बाद ही भारत ने भी इसका जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकी कैंप उड़ा दिए। इसके अलावा इस कार्रवाई में करीब 2 दर्जन आतंकियों समेत करीब 10 पाक सैनिक मारे गए थे।