दिलीप कुमार और राजकपूर की पुश्तैनी हवेली को खरीदेगी पाकिस्तान की सरकार!

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पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर और दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली खरीदेगी। यह हवेलियां फिलहाल काफी कमजोर हो चुकी हैं। सरकार इन्हें खरीदने के बाद इनकी मरम्मत करवाएगी और इन्हें संरक्षित किया जाएगा।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग ने हवेलियों को खरीदने के लिए फंड भी अलॉट कर दिया है। दोनों हवेली पाकिस्तान के पेशावर शहर में हैं।

 

दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली को 2014 में नवाज शरीफ सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। वहीं, राज कपूर की पुश्तैनी हवेली को 2018 में राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया था।

 

पेशावर के पुरातत्व विभाग की ओर से पेशावर के डिप्टी कमिश्नर को इन दोनों बिल्डिंग्स की कीमत तय करने के लिए आधिकारिक चिट्‌ठी भेजी गई है।

 

कई विदेशी पर्यटक और स्थानीय लोग इसे देखने आते हैं। ऋषि कपूर ने मरने से पहले पाकिस्तान सरकार से अपनी पुश्तैनी हवेली को म्यूजियम में बदलने का अनुरोध किया था। हालांकि, अब तक इस पर फैसला नहीं हो सका है।

 

भारतीय सिनेमा के कपूर खानदान की यह मशहूर कपूर हवेली पेशावर के रिहायशी इलाके किस्सा ख्वानी बाजार में हैं। यह कपूर परिवार की कई पुश्तों का घर रहा है।

 

बंटवारे से पहले बनी यह हवेली पृथ्वीराज कपूर के पिता और ऋषि कपूर के परदादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918-1922 के बीच बनवाई थी।

 

हवेली के बाहर लगी लकड़ी की प्लेट के मुताबिक, बिल्डिंग का बनना 1918 में शुरू हुआ और 1921 में यह तैयार हो गई। इस हवेली में 40 कमरे हैं और हवेली के बाहरी हिस्से में खूबसूरत मोतिफ उकेरे हुए हैं। इसमें आलीशान झरोखे बने हुए हैं।

 

दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली भी कपूर हवेली के पास ही है। यह करीब 100 साल पुरानी है। दोनों हवेलियों के मालिकों ने कई बार इन्हें गिराकर कमर्शियल प्लाजा बनाने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी।

 

हालांकि, कपूर हवेली का मालिकाना हक रखने वाले अली कादर के मुताबिक, वे इसे गिराना नहीं चाहते। उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों से भी इसके लिए मुलाकात की।

 

उन्होंने इस हवेली की कीमत 200 करोड़ रु. लगाई है। पेशावर में करीब 1800 ऐसी ऐतिहासिक बिल्डिंग हैं, जो 300 साल पुरानी हैं।