दुनिया में भारत के बढ़ते कद का अंदाजा पाकिस्तान को हो गया है। इसीलिए वह अब रास्ता रोकने की नहीं बल्कि साथ चलने की नीति पर कार्य कर रहा है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, पाकिस्तान ने कहा है कि वह सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) की लंबित बैठक की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
2016 में उड़ी में भारतीय सेना के ठिकाने पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में होने वाली सार्क की बैठक में शामिल न होने की घोषणा कर दी थी।
भारत का रुख देखकर बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी बैठक में शामिल होने से इन्कार कर दिया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा, पाकिस्तान सार्क के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है।
इस रास्ते में आने वाली कृत्रिम रुकावटों को दूर किया जाना चाहिए। सार्क की आखिरी बैठक 2014 में काठमांडू में हुई थी। 2016 में बैठक इस्लामाबाद में होनी थी लेकिन उड़ी में आतंकी हमले के बाद वह नहीं हो सकी।
सार्क के सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक दो साल में एक बार होती है और एल्फाबेट तरीके से यह सदस्य देश में आयोजित होती है। जो देश मेजबानी करता है, वही बैठक की अध्यक्षता भी करता है।