पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस बात से खासे खफा हैं कि कोरोना से हुई मौते के आंकड़ों को लेकर मीडिया में फर्जी खबरें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया बार बार ये कह रहा है कि कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं, जो सरासर गलत है।
प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या मीडिया सरकार को ये सुझाव दे रहा है कि आंकड़े ज्यादा बताए जाएं। जबकि सरकार इस दौरान होने वाली सभी मौतों की वजहें तलाशने में लगी है कि कहीं इसके पीछे कोरोना संक्रमण तो नहीं है।
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता डॉ फैजल सुल्तान ने कराची में पिछले दिनों हुई 300 लोगों के इंतकाल की खबर को कोरोना से जोड़ने पर आपत्ति जताई और कहा कि इनमें से महज़ 15 मौतें कोरोना की वजह से हुई हैं, फिर भी सरकार सभी मौतों के पीछे की वजहें तलाशने में लगी है। इनमें से कई स्वाभाविक या किन्हीं और वजहों से हुई मौत भी है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने लोगों को आगाह किया है कि कोरोना के मामले बेशक फिलहाल कम नजर आ रहे हों, लेकिन मई के दूसरे हफ्ते से ये संकट और बढ़ सकता है। इसलिए सभी लोगों को आगे के लिए बेहद सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि विशेषज्ञों ने जिस तेजी के साथ कोरोना के मरीजों के बढ़ने का आकलन किया था, वह उससे बहुत कम है।
आशंका थी कि 25 अप्रैल तक पाकिस्तान में कोरोना के 50 हजार संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन अब मौजूदा रफ्तार को देखते हुए 25 तारीख तक अब यह आंकड़ा 12 से 15 हजार मरीजों तक हो सकता है। सरकार इसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है और वेंटिलेटर्स और पर्सनल प्रोटेक्टिव किट्स का बंदोबस्त कर रही है।
7500 पाकिस्तानी नागरिकों को हर हफ्ते वापस लाने की कोशिश
राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेष सचिव मोईद युसुफ ने अलग अलग मुल्कों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के धौर्य के लिए उनकी तारीफ की है और कहा है कि सरकार उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने के बंदोबस्त कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम अपने देश में तेजी से क्वारंटाइन और टेस्टिंग की सुविधाओं को बढ़ाने में लगे हैं ताकि जल्द से जल्द अपने लोगों को वापस लाया जा सके। हमारी कोशिश है कि हर हफ्ते 7500 नागरिकों को वापस अपने मुल्क ले आया जाए। सरकार ने इसके लिए कई कॉमर्शियल एयरलाइंस को उड़ान की इजाजत दे दी है ताकि वो इन लोगों को वापस ला सकें।