गलती से सीमा पारकर भारतीय क्षेत्र में आए पाकिस्तानी लड़के मुबशर बिलाल (17) को मंगलवार को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया। अपनी रिहाई के समय बिलाल ने कहा “वह भारत में फिर से आना पसंद करेगा, लेकिन वीजा के साथ।”
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, मुशबर बिलाल को करीब 2 वर्षों तक भारत में एक जुवेनाइल होम में रहने के बाद अटारी वाघा सीमा पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया गया, जिसके बाद वह वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने वतन लौट गया।
अपनी सुरक्षित वापसी के लिए भारतीय अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए बिलाल ने स्वदेश लौटने से पहले मीडिया से कहा “वह अपने परिवार से मिलने को लेकर उत्साहित है, जिसमें उसके भाई, बहन और मां शामिल हैं।”
फरवरी 2018 में अनजाने में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद उसे पंजाब के होशियारपुर शहर स्थित एक किशोर गृह में अपने दिन बिताने पड़े। बिलाल को अमृतसर से लगभग 30 किमी. दूर भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट पर पाकिस्तान रेंजर्स को सौंप दिया गया। बिलाल पाकिस्तान के कसूर जिले का रहने वाला है।
अपनी रिहाई से उत्साहित बिलाल ने मीडिया से कहा “मेरा ख्याल रखने और मेरी सुरक्षित वापसी के लिए मैं भारतीय अधिकारियों का शुक्रगुजार हूं। मैं भारत वापस आना पसंद करूंगा, लेकिन पासपोर्ट और वीजा मिलने के बाद।”
बिलाल के स्वदेश लौटने से संबंधित एक मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है और इसे 15 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध भी किया गया है।
सुनवाई से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किशोर गृह के अधिकारियों से संपर्क कर उसकी वतन वापसी की राह सुनिश्चित कर दी। कानूनी-सह-परिवीक्षा अधिकारी सुखजिंदर सिंह ने आईएएनएस को बताया कि लड़के को चार सितंबर, 2018 को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा बरी कर दिया गया था।
बिलाल ने कहा कि उसने अपने परिवार के साथ विवाद के बाद 27 फरवरी, 2018 की रात को अनजाने में भारतीय तरनतारन जिले में प्रवेश कर लिया था। उसका घर भारतीय क्षेत्र के करीब स्थित है और वहां कोई बाड़ भी नहीं है।