फलस्तीन को स्वतंत्र करने के लिए सऊदी अरब ने उठाई आवाज़!

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सऊदी अरब का मानना है कि फलस्तीन की परेशानी का समाधान हुए बिना इजरायल के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं होने वाले है। सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर वार्तालाप में यह बात कही है। 

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बातचीत के बीच अमेरिका के छत्रछाया में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और इजरायल केमध्य बीते माह हुए ऐतिहासिक समझौते का भी जिक्र सामने आया है।

 

मिस्त्र और जार्डन के बाद UAE इजरायल के साथ सामान्य संबंध कायम करने वाला तीसरा अरब देश बन चुका हैं।

 

शाह सलमान ने ट्रंप से बोला कि वह शांति कायम करने के लिए अमरीका के प्रयासों की सराहना करते हैं। लेकिन, सऊदी अरब 2002 के अरब शांति प्रस्ताव के चलते फलस्तीन मुद्दे का न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान चाह रहे है।

 

इसमें अरब देशों ने इजरायल से संबंध पहले जैसी बनाने के लिए फलस्तीन को स्वतंत्र दर्जा देने और 1967 के युद्ध में कब्जाए गए क्षेत्र को खाली करने का प्रस्ताव जारी कर दिया था।

 

सऊदी अरब इजरायल को मान्यता नहीं देता, लेकिन इसी माह उसने UAE और इजरायल के मध्य सीधी उड़ान के लिए अपने हवाई क्षेत्र के उपयोग की इज़ाज़त दी है।

 

व्हाइट हाउस के सलाहकार और ट्रंप के दामाद जेरेड कुश्नर ने उम्मीद जताई थी कि आने वाले वक़्त में दूसरे अरब देश भी इजरायल से संबंध सामान्य बनाने के लिए आगे आ रहे है। हालांकि, अब तक किसी अन्य अरब देश ने यह नहीं कहा कि वह इस पर सोच रहे है।