पानी पूरी बेचने वाले की कोरोना से मौत, परिवार की मदद के लिए लोगों ने इकठ्ठा किया फंड

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मुंबई:  कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर मुंबई में पीड़ितों के परिवारों की मदद करने वालों की भी कमी नहीं है. शहर में कोरोना बीमारी से जान गंवाने वाले पानी पूरी वाले के परिवार की मदद के लिए उसके ग्राहक आगे आएं हैं. परिवार की मदद के लिए पांच लाख रुपये लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 2 लाख रुपये पहले दिन ही जमा हो गए. पानी पूरी वाले के परिवार की मदद के लिए विदेश में बैठे भारतीय भी आगे आ रहे हैं. नेपेंसी रोड पर पानी पूरी बेचने वाले भगवती यादव ने पूरी जिंदगी स्वाद के साथ इस बात का भी ख्याल रखा कि उनकी पानी पूरी से किसी की सेहत को कोई नुकसान ना पहुंचे. लेकिन उनकी अपनी सेहत साथ ना दे सकी और वो चल बसे, पर उनका स्वभाव ग्राहकों के दिल मे इस कदर बैठा है कि इलाके के लोगों ने अब उनके परिवार को आर्थिक मदद देने की मुहिम शुरू की है.

नेपीएन्सी रोड निवासी, यश वैद ने बताया, ‘वो अकेले ही कमाने वाले थे अपने घर में, हम लोग उनकी लड़की के संपर्क में हैं. ऐसा लगा कि मदद करनी चहिए तो ज्यादा सोचा नहीं. क्राउड फंडिंग की एक वेबसाइट पर अपील पोस्ट की और आज 2 दिन में 2 लाख रुपए जमा हो गए हैं.’ बिसलेरी पानी पूरी वाला के नाम से जाने जाने वाले भगवती 46 साल से यहां एक ही जगह पर तय समय पर पानी पूरी की दुकान लगाते और फिर समेट लेते. आज वो नहीं हैं पर उनकी पानी पूरी का स्वाद लोगों की जुबान पर अब भी है.

उनके ग्राहक कहते हैं, ‘टेस्ट बहुत अच्छा था..सब कुछ घर से होम मेड लाते थे..आजकल जैसा होटल में अलग अलग मिक्सर में पिसते हैं, वो हाथ से बनाते थे, पूरी भी घर पर बनाते थे.’एक और ग्राहक ने कहा, ‘उनका व्यवहार सबसे अच्छा था..मैं 10 साल का था तब से खा रहा था. आज मैं 25 साल का हो गया हूं, लेकिन पानी पूरी का टेस्ट एक जैसा ही है.’

भगवती यादव की बेटी जो अपनी मां के साथ यूपी के आज़मगढ़ में अपने गांव में है अपने पिता के प्रति लोगों का प्रेम देख शुक्रिया अदा कर रही है. एनडीटीवी ने उनसे फोन पर बात की, लोगों के प्यार पर उन्होंने कहा, ‘बहुत मदद मिली है, परिवारवालों से ज्यादा ग्राहकों ने सपोर्ट किया है, मैं तो अंतिम विधि के लिए गांव आ गई हूं. सभी के फोन आ रहे हैं. आर्थिक मदद कर रहे हैं, खासकर गिरीश अग्रवाल सर ने जिन्होंने वेबसाइट पर क्राउड फंडिंग की मुहिम शुरू की इससे बहुत मदद मिली है.’

समाज साथ आता है तो बड़े-बड़े पहाड़ भी छोटे हो जाते हैं. मदद के लिये 45 दिन में 5 लाख रुपये का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन 2 दिन में 2 लाख से ज्यादा जमा हो गए हैं. उम्मीद है 5 लाख का लक्ष्य भी जल्द ही हासिल कर लेंगे.