महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री और कद्दावर भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे ने एक दिन की भूख हड़ताल करने की घोषणा की है। मुंडे की इस घोषणा के बाद जहां महाराष्ट्र भाजपा में हलचल बढ़ है, वहीं सियासी हलकों में इस सांकेतिक भूख हड़ताल के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
Pankaja Munde says she won't quit, dares BJP to remove her https://t.co/cGldddnnC4 pic.twitter.com/nU7NnBDSz1
— The Times Of India (@timesofindia) December 12, 2019
नई दुनिया पर छपी खबर के अनुसार, इसी बीच पंकजा मुंडे ने साफ किया है कि उनका यह प्रदर्शन पार्टी के या किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। पंकजा मुंडे ने कहा कि ‘मैं औरंगाबाद में एक दिन की भूख हड़ताल करुंगी।
#Maharashtra BJP leader and former minister Pankaja Munde on Thursday said she is no longer a member of the party’s state core team but added she won’t quit the organisation as yet.https://t.co/vHnyuS8ibU
— The Hindu (@the_hindu) December 12, 2019
यह सांकेतिक भूख हड़ताल रहेगी जो लीडरशिप का ध्यान मराठवाड़ा के मुद्दे पर आकर्षित करने के लिए होगी।’ पंकजा 27 जनवरी 2020 को औरंगाबाद में भूख हड़ताल करने जा रही हैं।
Pankaja Munde flexes muscles, dares BJP to dump her – https://t.co/5LKVhtHdGm pic.twitter.com/DX59J6SDu1
— Yuv News (@YuvNewsOfficial) December 12, 2019
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही पंकजा मुंडे का रुख सूबे की सियासत को लेकर बदला हुआ है। इसी बीच उनके भाजपा छोड़ने की सुगबुगाहट भी तेज होने लगी थी।
इसे लेकर पंकजा ने अपना स्टैंड साफ किया है। पंकजा ने कहा कि वह पार्टी को नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने औरंगाबाद में भूख हड़ताल करने की बात भी कही।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गया था। लेकिन सूबे में कुर्सी की लड़ाई इस कदर छिड़ी की दोनों दलों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई और शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। भाजपा के हाथ से सत्ता जाते ही पार्टी के भीतर से विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं।