सत्र 2020-21 की स्कूलों की फीस के संबंध सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद परिजनों में मायूसी छा गई।
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, वहीं निजी स्कूलों ने इस आदेश का स्वागत किया है। अंतरिम आदेश के बाद परिजनों को पूरी स्कूल फीस चुकानी होगी।
दरअसल, वर्तमान शिक्षण सत्र की फीस के मामले पर कुछ समय हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए शिक्षा विभाग के निर्देश को लागू किया था। जिसके तहत जितना कोर्स, उतनी फीस लेने का नियम बनाया गया था।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूल 60 फीसदी व सीबीएसइ बोर्ड के स्कूल 70 फीसदी स्कूल फीस ले सकते थे। इस आदेश के विरोध में निजी स्कूल व परिजन सुप्रीम कोर्ट गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश से प्रदेश के 35 हजार से अधिक निजी स्कूलों को राहत मिली है। सत्र 2020-21। छह किस्तों में पांच अगस्त तक दे सकते हैं।
अंतरिम आदेश के बाद निजी स्कूल साल 2020-21 में पूरी फीस ले सकेंगे। लेकिन, यह फीस साल 2019-20 की फीस के बराबर ही होगी।
फीस बढ़ाई नहीं जा सकेगी। सौ फीसदी फीस छह किस्तों में 10 अगस्त तक चुकाई जा सकेगा।
उच्चतम न्यायालय ने स्कूलों को फीस लेने का अधिकार मानते हुए राज्य सरकार के आदेश को अनाधिकृत हस्तक्षेप मानते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है। जिससे निजी स्कूलों को राहत मिलेगी।