राज्यसभा में UAPA बिल पास, जानिए क्या है खास?

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राज्यसभा ने शुक्रवार को किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने तथा आतंकवाद की जांच के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को और अधिकार देने वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कर दिया।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, सरकार ने इसके प्रावधानों के दुरूपयोग की विपक्ष की आशंकाओं को निराधार करार देते हुए कहा कि इसके प्रावधान जांच एजेंसियों को आतंकवाद से ‘चार कदम आगे रखने के लिए हैं।’ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) के पक्ष में 147 और विरोध में 42 वोट पड़े।

वहीं, सदन ने विपक्ष के इसे सेलेक्ट कमिटी में भेजने के प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 104 मतों से खारिज कर दिया। आपको बता दें कि लोकसभा में यह बिल पिछले महीने ही पारित हो गया था।

विधेयक में व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान के दुरूपयोग होने की आशंका को निर्मूल ठहराते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए ऐसा करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कानून में यदि इस तरह का प्रावधान 2009 में रहा होता तो कोलकाता पुलिस द्वारा पकड़ा गया कुख्यात आतंकवाद यासीन भटकल कभी नहीं छूट पाता और आज NIA की गिरफ्त में होता।

शाह ने कहा कि हमें इस बात को समझना होगा कि व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि ये बड़े जटिल तरह के मामले होते हैं जिनमें साक्ष्य मिलने की संभावना कम होती है।

ऐसे मामले अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय किस्म के होते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि संस्था व्यक्ति से बनती है। शाह ने कहा कि उनका भी यही तर्क है कि संस्था व्यक्ति से बनती है, संगठन के संविधान से नहीं।

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के मामले में प्राय: यह देखने में आया है कि एक संगठन पर प्रतिबंध लगाने पर व्यक्ति दूसरा संगठन खोल लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद संगठन नहीं, व्यक्ति करता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने शाह से स्पष्टीकरण पूछते हुए कहा कि इस विधेयक में किसी व्यक्ति को किस स्थिति में आतंकवादी घोषित किया जाएगा, इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि विधेयक में कुछ अस्पष्टता अवश्य है लेकिन यह स्थिति की जटिलता के कारण है।