रोटी पर 5 % और पराठे पर 18 % जीएसटी टैक्स लगाया ,सोशल मीडिया पर भड़के लोग

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सोशल मीडिया पर एक खबर काफी ट्रेंड कर रही है, जिसमें आज कर्नाटक सरकार ने रोटी पर 5% और पर पराठा पर 18% वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लगाया है. कर्नाटक सरकार ने माना है कि रोटी और पराठे में अंतर होता है. इसके कारण टैक्स में भी अंतर होना चाहिए. इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोग खासे नाराज नजर आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि 18 फ़ीसदी जीएसटी थोपने से लोगों की थाली से पराठा गायब हो जाएगा.

क्या है मामला

दरअसल,एक प्राइवेट फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (कर्नाटक पीठ) के पास आवेदन किया था. इस आवेदन में कंपनी द्वारा ये कहा गया है कि आटे से बने पराठे और मालाबार पराठों को रोटी और खाखरा की कैटगरी में रखा जाए.

मगर पीठ ने रोटी को पराठे की कैटगरी में रखने से इनकार कर दिया और पराठों पर 18 फीसदी जीएसटी वसूलने का आदेश सुना दिया.

जीएसटी नोटिफिकेशन के शेड्यूल 1, एंट्री 99 ए के तहत रोटी पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. वैसे देखा जाए तो रोटी और पराठे में भले कोई खास फर्क नहीं है लेकिन जीएसटी की दुनिया में दोनों को अलग माना जाता है. सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर कई मीम्स वायरल हो रहे हैं.

कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि औरंगज़ेब ने जज़िया कर वसूला था और अंग्रेज़ लगान वसूलते थे. बीजेपी अब पराठा टैक्स वसूल रही है. ट्रिब्यूनल के इस फैसले का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है और मज़ाक भी बनाया जा रहा है.