पटना के जेडी वीमेंस कॉलेज में छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है।
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, कॉलेज में पिछले दो दिनों से जारी नोटिस में साफ कहा गया है कि शुक्रवार तक सभी छात्राओं को निर्धारित ड्रेस कोड में ही आना है, शनिवार को वह किसी भी ड्रेस में आ सकते है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी छात्राओं ने यह नियम का उल्लंघन करता है तो उन्हें 250 रुपए का जुर्माना देना होगा। इस नियम पर बहुत सारी छात्राओं ने आपत्ती जाहिर की है।
उनका कहना है कि बुर्के से कॉलेज को क्या दिक्कत है। ये नियम हमारे उपर जबरदस्ती लागू करने वाली बात है। जबकि कार्यवाहक नाजिम, इमारत-ए-शरिया, मौलाना शिबली अलकासमी ने कहा कि यह नियम प्राचार्या की मानसिकता को दर्शाता है। साथ ही किसी खास तबके को निशाना बनाया जा रहा है।
अगर जबरदस्ती पाबंदी लगी है तो फिर इसका विरोध भी किया जाएगा। प्रशासन समेेेत इन संगठनों ने दिया बयान जेडी वीमेंस कॉलेज के प्राचार्या डॉ. श्यामा राय ने कहा कि इस नियम की घोषणा हमने पहले ही कर दी थी।
नए सेशन के ओरिएंटेशन के समय में छात्राओं को यह बताया गया था कि हमने यह नियम छात्राओं में एकरूपता लाने के लिए किया है, न कि समाज में भेदभाव लाने के लिए। शनिवार के दिन वह कोई भी ड्रेस पहनकर आ सकती हैं, लेकिन शुक्रवार तक उन्हें जारी ड्रेस कोड में आना होगा।
वहीं वर्ल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक स्टडीज फॉर डायलॉग की डीजी डॉ. जीनत शौकत अली का कहना है कि इस्लाम में कहीं नहीं कहा गया है कि छात्रा बुर्का पहनकर पढ़ने जाएं। बस महिलाओं को सम्मानजनक तरीके से कपड़े पहनने को कहा गया है।
छोटी-छोटी बातों को बढ़ावा न देने की बजाय बच्चियों को पढ़ाने पर जोर देना चाहिए। जबकि पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाकर टेकरीवाल का कहना है कि कॉलेज में ड्रेस कोड तय है, तो पालन करना चाहिए।
कोर्ट के लिए तय किया गया ड्रेस कोड का पालन वकील करते हैं। कोर्ट में कोई बुर्का पहन कर नहीं आता। इसलिए कॉलेज के मामले में भी आपत्ति की कोई बात नहीं उठती है। कानूनन भी इसे अवैध नहीं ठहराया जा सकता।