शांति के लिए बातचीत अफगानिस्तान में ही होगी- राष्ट्रपति

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अफगानिस्तान ने तालिबान को दो टूक जवाब दिया कि है कि शांति समझौता उसी के देश में होगा। किसी अ6न्य देश को इसमें भागीदारी नहीं बनने देंगे।

राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ईद उल-अजहा के पर्व पर ये बयान दिया। गौरतलब है कि अमरीका और तालिबान के वार्ताकार कतर में वार्ता की तैयारी कर रहे हैं। कतर में ही तालिबान का राजनीतिक कार्यालय है।

गनी का कहना है कि अगले माह राष्टपति चुनाव होने हैं। देश का भविष्य यहां की जनता तय करेगी। अफगानिस्तान के नेता के पास कई सालों की लड़ाई के बाद देश का भविष्य तय करने के लिए एक शक्तिशाली जनादेश होगा। उन्होंने कहा कि हमारा भविष्य कोई बाहरी नहीं तय कर सकता है। चाहे वह हमारे मित्रों या पड़ोसियों की राजधानी शहर ही क्यों न हो।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, अमरीकी राजदूत जलमय खलीलजाद चुनाव से हफ्तों पहले एक सितंबर तक शांति समझौता करना चाहते हैं। इसमें दोनों पक्षों के 20 हजार अमरीकी और नाटो सैनिकों की वापसी पर राजी होने की संभावना है।

बदले में तालिबान गारंटी देगा कि अफगानिस्तान अन्य चरमपंथी संगठनों का अड्डा नहीं होगा। तालिबान ने अफगान सरकार के साथ वार्ता करने से इनकार करते हुए देश में 28 सितंबर को होने वाले चुनाव को दिखावा करार दिया था।