मोदी के मंत्रियों के फोन टैपिंग को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने किया बड़ा दावा!

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सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगर मैं इसकी पुष्टि कर पाता हूं तो मैं यह सूची प्रकाशित करूंगा। हालांकि, बता दें कि वॉशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्जियन की वेबसाइट पर ऐसा कोई दावा नहीं है कि वह इससे संबंधित कोई खुलासा करने जा रहे हैं।

बता दें कि इस्राइल का पिगासस सॉफ्टवेयर जासूसी के लिए है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, जानकारी के अनुसार भारत में कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, प्रह्लाद पटेल के फोन और व्हाट्सएप टैप किए गए थे।

इसके अलावा दत्तात्रेय होसबोले समेत कुछ आरएसएस नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और सैकड़ों पत्रकारों के फौन टैप किए गए थे।

यह टैपिंग 2018-19 के दौरान हुई थी। कई सीबीआई, ईडी और आईटी अधिकारियों के फोन भी टैप किए गए थे।

व्हाट्सएप के जरिए भारत समेत दुनियाभर के 1400 पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की जासूसी हुई है। इसकी जानकारी व्हाट्सएप ने खुद अमेरिकी फेडरल कोर्ट में दी है।

मैसेजिंग एप ने इस्राइल की एनएसओ नाम की कंपनी पर पिगासस सॉफ्टवेयर (स्पाईवेयर) के जरिए जासूसी का आरोप लगाया है। व्हाट्सएप ने कहा है कि एप के कॉलिंग फीचर में एक कमी के कारण यह जासूसी हुई।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिगासस सॉफ्टवेयर की कीमत 7-8 मिलियन डॉलर यानी करीब 56 करोड़ 56 लाख 40 हजार रुपये है। इस कीमत में सॉफ्टवेयर का एक साल के लिए लाइसेंस मिलता है।

एक लाइसेंस पर आप एक साल में 500 फोन को मॉनिटर कर सकते हैं। पिगासस के जरिए एक बार में 50 मोबाइल फोन पर पल-पल नजर रखी जा सकती है।

पिगासस सॉफ्टवेयर यूजर की परमिशन के बिना उसके फोन को ऑफ/ऑन के अलावा फॉर्मेट भी कर सकता है।

व्हाट्सएप हैकिंग मामले में हैकर्स ने लोगों को निशाने पर लेने के लिए अलग-अलग नंबर्स से अकाउंट बनाए थे जो कि ब्राजील, इस्राइल, स्वीडन और इंडोनेशिया जैसे देशों में एक्टिव थे। व्हाट्सएप को हैक करने के लिए पिगासस ने इसी के सर्वर का इस्तेमाल किया था।

साभार- अमर उजाला