राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद किसानों यह कहा!

, ,

   

गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और लाल किले में धार्मिक झंड़ा फहराने की घटना के बाद किसान आंदोलन कमजोर हो गया है।

वहीं किसानों के आंदोलन से सात संगठन अलग हो गए हैं। लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस और किसानों के बीच जंग तेज हो गई है।

नवोदय टाइम्स पर छपी खबर के अनुसार, यूपी पुलिस के आदेश के बाद गुरुवार देर शाम से आधी रात तक गाजीपुर बॉर्डर पर हाईवोल्टेज ड्रामा जारी रहा।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत वीरवार को भावुक हो गए। उन्होंने नम आंखों से कहा कि अगर कानून वापस नहीं हुए तो मै आत्महत्या कर लूंगा आंदोलन किसी हाल में वापस नहीं होगा।

उन्होंने गिरफ्तारी की बात कहते हुए कहा कि किसान आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

माना जा रहा है कि धरना स्थल आज या रात में ही खाली कराया जा सकता है। 26 जनवरी को हमने शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकाली थी। जो लोग हिंसक हुए हैं उनसे हमारा कोई लेना-देना नहीं था।

हमारा आंदोलन पूर्व की भांति चलता रहेगा। शांतिपूर्ण तरीके से पिछले 2 माह से भी ज्यादा समय से हम लोग आंदोलनरत हैं। उसी तरीके से आंदोलन कैसी कानूनों की वापसी होने तक जारी रहेगा।

अधिकारी के मुताबिक बीकेयू से जुड़े कुछ प्रदर्शनकारियों को बृहस्पतिवार को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के तहत नोटिस दिए गए हैं। ‘जय जवान, जय किसान’ के नारों के बीच कई प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे लहराए, वहीं अन्य प्रदर्शनकारियों ने किसान एकता मंच जैसे किसान संघों के झंडे भी लहराए।

एक प्रदर्शनकारी, 78 वर्षीय जगत सिंह राठी ने कहा, ‘जरूरत पड़ी तो खड़े रहके धरना देंगे, तुम धरने पर बैठने की बात करते हो।’ उन्होंने कहा, ‘(यूपी गेट) खाली नहीं करेंगे।

हमने प्रदर्शन स्थल खाली करने जैसा कोई आदेश नहीं देखा है। जब उच्चतम न्यायालय ने कह दिया कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है तो फिर क्या? हम (प्रदर्शन) करेंगे।’


मुजफ्फरनगर के किसान अंकित सहरावत ने बताया कि वह 40-50 लोगों के साथ शुक्रवार सुबह यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश से और किसान यहां पहुंचेंगे। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर जो कुछ भी हुआ, सभी ने उसकी निंदा की है।

लेकिन उनके कारण चौधरी साहब (राकेश टिकैत) के आंसू निकल आए।

उनके आंसू निकले हैं, वो सहन नहीं होगा।’ गाजियाबाद प्रशासन ने गुरुवार को बीकेयू से मौखिक अनुरोध किया था और मध्य रात्रि तक यूपी गेट खाली करने को कहा था।