रियाद शॉपिंग मॉल के बाहर हाईहील के साथ टाइट ओरेंज टॉप और ट्रॉजर पहने महिला ने सऊदी अरब में हलचल मचा दी है । इसकी वजह उनकी वेस्टर्न स्टाइल की ड्रेस और इस्लाम की पहचान अबाया का न पहनना है। इस महिला का नाम मशेल अल जालोद है। रियाद मशेल के आउटफिट को देखकर हैरान होने वालों में सिर्फ पुरुष ही नहीं थे बल्कि युवा महिलाएं भी शामिल थीं।
https://twitter.com/EHathloul/status/1172081447055892480?s=19
मशेल ने भविष्य में लिए जाने वाले संभावित फैसले को अभी से अपने पर लागू कर दिया है। 33 वर्षीय मशेल ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलिस्ट हैं और अबाया समेत ऐसे कपड़ों के सख्त खिलाफ हैं जो उन्हें मनचाहा जीवन जीने में बाधा बनते हैं। इसकी वजह से कट्टरपंथियों की भौहें चढ़ गई हैं।
Rebel #Saudi women stun onlookers by parading around shopping malls in western clothing after shunning obligatory abaya robe
Mashael al-Jaloud, 33, has stopped wearing her abaya apart from when at work pic.twitter.com/eoc7TMZDRp— Hans Solo (@thandojo) September 13, 2019
मशेल की बात करें तो वह सऊदी महिला की नई पहचान बन रही हैं। जिस वक्त वो मॉल से बाहर निकली तो हर किसी का ध्यान उन्होंने अपनी तरफ खींच लिया। एक महिला ने उन्हें रोककर यहां तक पूछ लिया कि क्या वह मॉडल हैं। इस पर उनका जवाब था कि वह मॉडल नहीं बल्कि एक आम सऊदी महिला हैं जो अपनी इच्छा से जीना चाहती हैं।
Defiant #Saudi woman Mashael al-Jaloud stunned onlookers on the streets of Riyadh by walking around without wearing the abaya.
“There are no clear laws, no protection. I might be at risk, might be subjected to assault from religious fanatics because I am without an abaya.” pic.twitter.com/6KzlG9g34U
— Kumail Soomro (@kumailsoomro) September 13, 2019
मशेल ने अबाया को कुछ माह पहले ही हमेशा के लिए विदा कह दिया था। सऊदी महिलाओं को नई पहचान देने वालों में मशेल अकेले नहीं हैं बल्कि कुछ और भी इसमें शामिल हैं। मनहेल अल ओटेबी (Manahel al-Otaibi) इन्हीं में से एक हैं।
Another #Saudi woman Manahel al-Otaibi has also foregone the abaya instead wearing casual overalls.
“I just want to live the way I want, freely and without restrictions. No one should force me to wear something I don’t want.” pic.twitter.com/5434HBLg24
— Kumail Soomro (@kumailsoomro) September 13, 2019
वह बीते चार माह से बिना अबाया के सऊदी की सड़कों पर घूम रही हैं। उनका भी कहना है कि वह खुलकर जीना चाहती हैं। वह ऐसा जीवन चाहती हैं जिसमें बंदिशें न हों। उनका कहना है उन्हें जबरदस्ती कोई भी कुछ पहनने के लिए राजी नहीं कर सकता है।
https://twitter.com/eslammyy/status/1172520918125555713?s=19
गौरतलब है कि अबाया सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम महिलाओं की पहचान रहा है। सऊदी अरब की बात करें तो वहां पर रह रही गैर मुस्लिम महिलाओं के लिए भी यह पहनना जरूरी है। वर्तमान में भी इसको लेकर यहां पर सख्त कानून है। मशेल के मुताबिक नियमों की ही वजह से उन्हें जुलाई में एक मॉल के अंदर जाने से रोक दिया गया था। इसको लेकर उन्होंने एक वीडियो भी ट्विट किया था।
उन्होंने मॉल के गेट पर खड़े गार्ड को वह वीडियो भी दिखाया जिसमें क्राउन प्रिंस ने कहा था कि महिलाओं को सभ्य कपड़े पहने की इजाजत है। इसमें अबाया का पहनना जरूरी नहीं है। इसके जवाब में शॉपिंग मॉल की तरफ से ट्विट कर कहा गया है वह उन्हें एंट्री की इजाजत नहीं दे सकते हैं।
इतना ही नहीं सऊदी के राजपरिवार ने भी एक ट्विट कर मशेल की निंदा की थी। मशेल को इसी तरह से एक रियाद की सुपर मार्केट में भी एंट्री करने से रोक दिया गया था। इतना ही नहीं यहां पर उन्हें पुलिस के हवाले करने तक की धमकी दी गई थी।
देश में जहां सब महिलाएं पूरी तरह से शरीर को ढकने के लिए बुर्का पहनती हों वहां पर मशेल को देखकर हर कोई हैरान जरूर होगा। हालांकि बीते कुछ वर्षों में सऊदी अरब में महिलाओं को लेकर कई तरह के बदलाव देखने को आए हैं।
बीते कुछ वर्षों में वहां की महिलाओं को चुनाव में खड़े होने, वोट डालने, खेल देखने, गाड़ी चलाने और अकेले सड़क पर निकलने और अकेले विदेश जाने की इजाजत दी गई है। इन सभी बदलावों के पीछे सऊदी के प्रिंस क्राउन मोहम्मद बिन सलमान हैं।
आपको बता दें कि बीते साल ही प्रिंस सलमान ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात के संकेत दिए थे कि महिलाओं के ड्रेस कोड में कुछ रियायत दी जाएगी। इसके मुताबिक महिलाओं को पूरा शरीर ढकने वाले लिबास अबाया को पहनना जरूरी नहीं रह जाएगा।