निजामुद्दीन मरकज़ को फिर से खोलने की याचिका पर कोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली सरकार को दिया समय!

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पिछले साल दिल्ली में कोरोना मामले बढ़ने को लेकर निजामुद्दीन मरकज को बंद कर दिया गया था।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, जिसे दोबारा खोलने के लिए दिल्ली हाईकोई में याचिका डाली गई थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को समय दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज दोबारा खोलने के लिए दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केन्द्र, आप सरकार और पुलिस को शुकव्रार को 10 दिन का समय दिया। मालूम हो कि 31 मार्च से ही निजामुद्दीन मरकज बंद है।

न्यायामूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि अधिकारियों द्वारा 10 दिन में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए। उन्होंने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की है।

हाईकोर्ट ने 24 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से दायर याचिका पर गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराध) राहुल मेहरा ने राज्य सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा।

केन्द्र की ओर से पेश हुए वकील रजत नायर ने भी जवाब दाखिल करने के लिए थोड़ा और समय दिए जाने का अनुरोध किया।

बोर्ड ने अपनी याचिका में अधिकारियों को वक्फ परिसर को धार्मिक आयोजन के तौर पर उपलब्ध रखने की जरूरत पर फिर से गौर करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है।

बोर्ड की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने दलील दी कि ‘अनलॉक-1’ के दिशा-निर्देश के तहत निरुद्ध क्षेत्र के बाहर धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन मरकज अब भी बंद है।

मरकज में मस्जिद मरकज़ बंग्लेवाली, मदरसा कासिम-उल-उलूम और छात्रावास है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर परिसर किसी अपराधिक जांच के अधीन भी आता है, तो भी इसे पहुंच से बाहर क्षेत्र के रूप में बंद रखना जांच प्रक्रिया का एक पुराना तरीका है।