न्यायपालिका ने हमेशा से देशवासियों के अधिकारों और निजी स्वतंत्रता की रक्षा की- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात हाईकोर्ट की डायमंड जुबली समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट ऑनलाइन जारी किया।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि न्यायपालिका ने हमेशा से देशवासियों के अधिकारों और निजी स्वतंत्रता की रक्षा की। इसे और बेहतर बनाने के लिए काम चल रहा है।

सरकार और न्यायपालिका मिलकर देश में वर्ल्ड क्लास ज्यूडिशियरी सिस्टम तैयार करेंगी। इसमें हर व्यक्ति के लिए न केवल न्याय की गारंटी होगी, बल्कि समय पर न्याय भी मिलेगा।


PM मोदी ने कहा, ‘डिजिटल सिस्टम हमें बहुत तेजी से आधुनिक बना रहा है। ई-प्रोसीडिंग्स में तेजी आई है। सुप्रीम कोर्ट दुनिया में सबसे ज्यादा सुनवाई करने वाला कोर्ट बन गया है।

आज हमारी अदालतों में एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर और QR नंबर भी दिया जा रहा है। इससे नेशनल डेटा ग्रिड बन रहा है।

ये ईज ऑफ जस्टिस न केवल ईज ऑफ लिविंग को बढ़ा रहा है, बल्कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस भी बढ़ा है। आने वाले दिनों में भारत में ईज ऑफ जस्टिस और तेजी से बढ़े, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी काम कर रही है।’

रूल ऑफ लॉ सदियों से सभ्यता और संस्कार में रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा, भारतीय समाज में रुल ऑफ लॉ सदियों से सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का और हमारे संस्कार का आधार रहा है।

प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि स्वराज्य की जड़ ही न्याय में है। ये विचार आदि काल से हमारे संस्कार का हिस्सा रहा है। इसी मंत्र ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को भी नैतिक तौर पर ताकत दी।

यही विचार हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाते समय सबसे आगे रखा। संविधान की प्रस्तावना में रुल ऑफ लॉ को सबसे आगे रखा गया। हम सभी को इसके लिए गर्व है।