25,000 श्रमिकों को 125 दिनों तक रोजगार प्रदान किया जायेगा!

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कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्‍या में प्रवासी श्रमिक अपने गांव वापस लौट आए हैं।

 

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट इन पर छपी खबर के अनुसार, अब सरकार के सामने उन्‍हें रोजगार उपलब्‍ध कराने की चुनौती है।

 

इस समस्‍या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 50,000 करोड़ रुपए की रोजगार गारंटी देने वाले गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान की शुरुआत की है।

 

इस अभियान की शुरुआत बिहार के खगडि़या जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से की गई है। शुरुआत में इस योजना के तहत 25,000 श्रमिकों को 125 दिनों तक रोजगार प्रदान किया जाएगा।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया।

 

इस अभियान के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा के 116 जिलों में प्रत्येक से 25,000 श्रमिकों को चुना गया है।

 

इनमें 27 पिछड़े जिले भी शामिल हैं। इन जिलों के तहत करीब 66 प्रतिशत प्रवासी श्रमिक आएंगे। छह राज्यों के 116 जिलों के गांव इस कार्यक्रम से साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये जुड़ेंगे।

 

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

 

यह अभियान 125 दिनों का है, जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए 25 तरह के लोक निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।