नई दिल्ली:
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्य्क्ष जफरुल इस्लाम के घर पर पुलिस ने बुधवार को छापेमारी की. इफ्तार के समय अबुल फज़ल घर पर गिरफ्तारी के लिए पुलिस पहुंची थी. जिसके बाद इलाके के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया. ज़फरुल इस्लाम को पूछताछ के लिए थाने ले जाने का विरोध किया गया. विरोध के बाद पुलिस वापस लौटी. पुलिस द्वारा ज़फरुल इस्लाम से मोबाइल और लैपटॉप जमा करने को कहा गया. बता दें कि ज़फरुल इस्लाम पर कुवैत और अरब देशों के मामले में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज है.
Condemns police raid on Dr. Zafarul Islam Khan's home just before Iftar on a concocted sediation case. DelhiPolice has exposed its prejudice once again. It is scared to take actions agnst real culprits of Delhi's anti Muslim riots but hounding Muslims.#Indian_Muslims_in_danger
— Navaid Hamid نوید حامد नवेद हामिद (@navaidhamid) May 6, 2020
स्पेशल सेल की साइबर सेल मामले की जांच कर रही है. बुधवार को मौके पर जफरुल इस्लाम की वकील पहुंची और उन्होंने पुलिस से कहा कि वे 60 साल से बुजुर्ग व्यक्ति को इस तरह नहीं ले जा सकते. पुलिस जैसे ही वहां पहुंची विधायक अमानातुल्लाह खान वहां स्थानीय लोगों समेत पुहंचे और उन्होंने पुलिस द्वारा जफरुल इस्लाम के लेकर जाने का विरोध किया.
बता दें कि एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के आरोप के तहत जफरुल इस्लाम के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. पुलिस ने वसंत कुंज निवासी एक व्यक्ति की शिकायत मिलने के बाद खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) और 153ए (धर्म, नस्ल और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता भड़काने) के तहत 30 अप्रैल को एक प्राथमिकी दर्ज की.
पुलिस ने बताया कि प्रथमिकी में, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि खान का पोस्ट ‘‘भड़काऊ”, ‘‘इरादतन” और राजद्रोह वाला था तथा यह समाज के सौहार्द को बिगाड़ने और उसे विभाजित करने के मकसद से था. खान गत मंगलवार को अपने उस ट्वीट को लेकर विवादों में घिर गए थे, जिसमें उन्होंने देश में मुसलमानों के कथित उत्पीड़न का दावा किया था. खान ने 28 अप्रैल के अपने ट्वीट में कुवैत को भारतीय मुसलमानों के साथ खड़ा रहने को लेकर धन्यवाद दिया था.
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