यूपी: CAA के खिलाफ़ प्रदर्शनकारियों के पोस्टर एक बार फिर लगे!

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उत्तर प्रदेश सरकार सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों के खिलाफ सख्त नजर आ रही है।

 

न्यूज़रूम पोस्ट पर छपी खबर के अनुसार, सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करनेवालों के खिलाफ उतितर पिरदेश की राजधानी लखनऊ में पहले पोस्टर लगाए गए थे।

 

लेकिन तब पोस्टर लगाने पर हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई थी और सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। लेकिन अभी फिर से इस तरह की सख्ती उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिल सकती है।

 

कई लोगों के पोस्टर फिर से उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगाए हैं। इन्हें प्रदेश की पुलिस की तफ से भगोड़ा बताया गया है।

 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर नगरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोधियों के पोस्टर जारी किये हैं।

सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल 8 प्रदर्शनकारियों पर गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उनको भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों की सूचना देने वाले को 5 हजार रुपये का इनाम की भी घोषणा की है।

 

इन पोस्टरों पर प्रदर्शनकारियों की तस्वीरों के साथ उनका पता भी लिखा गया है। इसके अलावा पोस्टर पर लिखा गया है की इन प्रदर्शनकारियों की जानकारी देने वाले को 5 हजार नगद का ईनाम दिया जाएगा।

 

पोस्टर पर पुलिस अधिकारियों के नंबर भी हैं, जिनपर इसकी जानकारी दी जा सकती है। पुलिस द्वारा दो अलग-अलग पोस्टर जारी किये गए हैं।

 

एक में वह प्रदर्शनकारी हैं, जिन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है, दूसरे में वह प्रदर्शनकारी हैं, जो फरार तो हैं, लेकिन उन पर गैंगस्टर एक्ट नहीं लगा है।

 

जिन 8 प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें प्रशासन द्वारा सार्वजनिक की गई है उन पर गैंगस्टर का मामला दर्ज है उन में मोहम्मद अलाम, मोहम्मद तहिर, रिजवान, नायब उर्फ रफत अली, अहसन, इरशाद, हसन और इरशाद शामिल हैं, इन सभी पर थाना ठाकुरगंज में मुकदमा दर्ज है।

 

दूसरे पोस्टर में मुस्लिम धर्मगुरु ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मौलाना क़ल्बे सादिक के बेटे कल्बे सिब्तैन “नूरी”, मौलाना सैफ अब्बास, इस्लाम, जमाल, आसिफ, तौकीर उर्फ तौहीद, मानू, शकील, नीलू, हलीम, काशिफ और सलीम चौधरी के नाम शामिल हैं।

 

पुलिस के मुताबिक यह प्रदर्शनकारी पिछले साल 19 दिसंबर को लखनऊ में सीएए के विरुद्ध हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल थे और हिंसा भड़का रहे थे।

 

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में सीएए के विरुद्ध प्रदर्शन में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी और सार्वजनिक और निजी सांपत्ति का काफी नुकसान हुआ था।

यह हिंसा उस समय भड़की थी जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को उनके इलाके से निकलकर प्रदर्शन स्थल ‘परिवर्तन चैाक“ से रोक रही थी, इसके बाद प्रदर्शन स्थल पर भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें और हिंसा हुई थी।

 

साभार- न्यूज़रुम पोस्ट