सऊदी अरब: अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही महिला को किया गया रिहा!

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सऊदी अरब में महिला अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने वालीं सामाजिक कार्यकर्ता लूजैन अल-हथलौल को जेल से रिहा कर दिया गया है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, लूजैन अल-हथलौल के परिवार ने बताया कि लगभग 3 साल बाद उनकी रिहाई हुई है। 31 साल की लूजैन अल-हथलौल की गिरफ्तारी का मामला अतंरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर चर्चा में रहा था और कई देशों ने सऊदी की निंदा की थी।

लूजैन अल-हथलौल को 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 5 साल, आठ महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। लूजैन अल-हथलौल पर देशद्रोह और विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।

हालांकि, पिछले साल दिसंबर में कोर्ट ने उनकी सजा में से 2 साल और 10 महीने की अवधि को घटा दी थी। साथ ही सजा शुरू होने की तारीख मई, 2018 कर दी थी।

उल्‍लेखनीय है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र ह्यूमन राइट्स ने इस मामले पर नाराजगी जताई थी। यूएन ने ट्वीट कर इसे ‘परेशान करने वाला’ कदम बताया था। इसके साथ ही अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था ने लूजैन अल-हथलौल को जल्द से जल्द रिहा करने की उम्‍मीद जताई थी।

इस बीच अमेरिका में जो बाइडन के राष्‍ट्रपति बनने के कारण भी सऊदी अरब के तेवर लूजैन अल-हथलौल के प्रति नरम पड़े। अब लूजैन अल-हथलौल को आखिरकार जेल से रिहा कर दिया गया है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र ने लूजैन अल-हथलौल की रिहाई के कदम का स्‍वागत किया है।

यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उनकी रिहाई का स्वागत किया और प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि अन्य जो उसके जैसी ही स्थिति में हैं, जिन्हें उन्हीं कारणों से जेल में डाल दिया गया है, उन्हें भी रिहा किया जाए और उनके खिलाफ आरोप हटाए जाएं।’

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने भी लूजैन अल-हथलौल की रिहाई को सही कदम बताया है।