गुजरात में स्कूली परीक्षा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या को ‘आत्महत्या’ बताए जाने से संबंधित सवाल को लेकर उठे विवाद पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस तरह की भ्रामक जानकारी देकर गांधीजी के खिलाफ षडयंत्र कर रहा है।
Questions asked in 9th exam of gujrat is big matter of concerned and teacher who set this paper need to be behind prison for this…..other wise our new generation came to know that …..GANDHI G WAS COMMITED SUICIDE BY GUN FIRE WITH THE HELP OF GODSE. @narendramodi @RahulGandhi pic.twitter.com/HyhQafi3Aa
— 😍रवि भोजपुरीया😍 (@ravibhojpuriya) October 14, 2019
नया इंडिया पर छपी खबर के अनुसार, कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने आज को यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि गुजरात में परीक्षा में बच्चों से प्रश्न पूछा गया है कि ‘गांधीजी ने आत्महत्या कैसे की?’ यह सवाल राज्य सरकार से वित्त पोषित विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के संगठन सुफलाम शाला विकास संकुल ने नौंवीं कक्षा की परीक्षा में पूछा है।
कट्टरपंथी विचारधाराऐं गॉंधी की अहिंसा को मजबूरी का पर्याय साबित करना में जुटी हुई हैं लेकिन समानता,सद्भाव,बन्धुत्व जैसे मूल्यों के लिये सत्यग्रह करते हुए गॉंधी लगातार कहते रहेंगे कि मोदी जी मेरे चश्मे को नहीं मेरे नज़रिये को अपनाऐं..@NavbharatTimes में मेरा लेख #GandhiJayanti pic.twitter.com/btZnzGfYik
— Dr. Ragini Nayak (@NayakRagini) October 2, 2019
उन्होंने कहा कि आरएसएस तथा कट्टरपंथी संगठन इस तरह की भ्रामक जानकारी बापू के बारे में सुनियोजित ढंग से एक षडयंत्र के तहत प्रचारित कर रहे हैं। इससे पहले हिंदू महासभा तथा आरएसएस से जुड़े अन्य संगठन और व्यक्ति भी बापू के खिलाफ इसी तरह का षडयंत्र करते रहे हैं।
Bharat Ratna To Sawarkar ! If so then BJP/RSS should stop talking about GANDHI JI. Sawarkar was arrested for Gandhi’s murder though later given clean chit for want of evidence 1/1
#sawarkar— ashutosh (@ashutosh83B) October 15, 2019
उन्होंने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर का उदाहरण दिया जिसमें उन्होंने बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया है।
https://twitter.com/DesiNationalist/status/1183394970994012161?s=19
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी की सदाशयता, उदारता और अहिंसा को गोडसे की कायरता के समक्ष कमजोर और झुका हुआ दिखाने का षडयंत्र चल रहा है। गांधी के चश्मे को प्रतीक बनाकर नजरिया गोडसे का चलाया जाए, यह चलने वाला नहीं है।