तेल रिसाव के बाद मॉरीशस में विरोध, दर्जनों डॉल्फ़िन मछलीयां मरी!

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सम्मानित और ढोल पीटने के बाद, सैकड़ों लोगों ने मॉरीशस की राजधानी में एक ज़मीनी जापानी जहाज से एक तेल रिसाव से निपटने और हाल के दिनों में दर्जनों मृत डॉल्फ़िन की खतरनाक खोज से निपटने का विरोध शुरू कर दिया है।

 

 

 

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने देश के झंडे को लहराया और “आप को कोई शर्म नहीं है” जैसे संदेशों के साथ संकेत दिए।

 

 

जापानी जहाज एमवी वाकाशियो का जो टुकड़ा समुद्र के पानी में तेल फैला रहा था आखिरकार वह खुले समुद्र के पानी में डूब गया है। यह जानकारी राष्ट्रीय आपदा आयोग ने सोमवार को दी।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, पिछले सप्ताह दो टगबोट के जरिए टूटे जहाज के बड़े हिस्से को करीब 15 किलोमीटर तक खींच कर लाया गया जहां खुले समुद्र के पानी में 3,180 मीटर की गहराई में यह डूब गया।

 

जहाज का छोटा टुकड़ा चट्टान में ही फंसा रह गया जहां जहाज दो टुकड़ों में विभाजित हुआ था।

 

 

जहाज के कैप्टन और सहयोगी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने अभी यह जानकारी नहीं दी है कि सिंगापुर से ब्राजील जहाने वाले जहाज को इस तरह की घटना का सामना क्यों करना पड़ा।

 

 

उल्लेखनीय है कि जापान की कंपनी नागशिकी शिपिंग लिमिटेड का यह जहाज चीन स्थित तियानजिन बंदरगाह से ब्राजील जा रहा था। लेकिन 25 जुलाई की शाम को यह समुद्र में कोरल रीफ से टकरा गया और वहीं अटक गया।

 

 

मॉरीशस के दक्षिण पूर्व में दुर्घटनाग्रस्त हुए इस जहाज में 4000 मीट्रिक टन ईंधन था और इसके टूटने से समुद्र के पानी में भारी मात्रा में तेल फैल गया।

 

आयोग ने बताया, सुनियोजित तरीके से डुबाने की प्रक्रिया में सोमवार दोपहर 3.30 बजे सफलता मिली। ग्रीनपीस इस योजना का विरोध कर रहा था।

 

पिछले सप्ताह ग्रीनपीस ने चेतावनी दी थी कि जहाज को डुबाने की प्रक्रिया से पूरा समुद्र प्रदूषित हो जाएगा और इसके कारण बायोडायवर्सिटी पर खतरा है।

 

अब तक 1000 टन से अधिक तेल का रिसाव समुद्र के पानी में हो चुका है।

 

पिछले सप्ताह ब्रिटिश वैज्ञानिकों की टीम ने वहां जाकर इस रिसाव के कारण होने वाले प्रभाव की समीक्षा की थी ताकि इसके कारण हो चुके नुकसान को फिर से कैसे सुधारा जा सके।

 

जापान और फ्रांस से अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट की टीम घटनास्थल का मुआयना करने आई थी।