कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला है और इसके लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच एवं कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने यह सवाल भी किया कि अगर प्रधानमंत्री मोदी पाक साफ हैं तो जांच से क्यों भाग रहे हैं?
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक नई लाइन सामने आई है-गायब हो गया। दो करोड़ रोजगार गायब हो गया। किसानों के बीमा का पैसा गायब हो गया। 15 लाख रुपया गायब हो गया। अब राफेल की फाइलें गायब हो गईं।”
There is now enough evidence to prosecute the PM in the #RafaleScam.
The trail of corruption begins & ends with him.
That crucial Rafale files incriminating him are now reported “stolen” by the Govt, is destruction of evidence & an obvious coverup. #FIRagainstCorruptModi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 6, 2019
उन्होंने दावा किया, ” कोशिश यह कि जा रही है कि किसी भी तरह से नरेंद्र मोदी का बचाव करना है। सरकार का एक ही काम है कि चौकीदार का बचाव करना है।”
गांधी ने कहा, ”न्याय सबके लिए होना चहिए। एक तरफ आप कह रहे हैं कि कागज गायब हो गए हैं। इसका मतलब है कि ये सच्चे हैं। इन कागजों में साफ है कि प्रधानमंत्री ने समानांतर बातचीत की है। इनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल की आपूर्ति समय पर नहीं हुई क्योंकि मोदी जी अनिल अंबानी को पैसा देना चाहते थे। एक सवाल के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आपकी सरकार है जिस पर चाहिए कार्रवाई करिये। लेकिन प्रधानमंत्री पर कार्रवाई करिये। प्रधानमंत्री ने राफेल सौदे में देरी की, अनिल अंबानी की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाले।’’
उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है और इसमें आपराधिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री दोषी नहीं हैं तो फिर जांच क्यों नहीं कराते ? जेपीसी की जांच से क्यों भाग गए?
दरअसल, सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं और याचिकाकर्ता इन दस्तावेजों के आधार पर विमानों की खरीद के खिलाफ याचिकायें रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार चाहते हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
पुनर्विचार याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि शीर्ष अदालत में जब राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया तो केन्द्र ने महत्वपूर्ण तथ्यों को उससे छुपाया था।