हिंदुत्व की नेता रागिनी तिवारी का एक वीडियो, जहां उन्होंने किसानों के अगले सांप्रदायिक दंगे के विरोध में चेतावनी दी है कि अगर वे 16 दिसंबर तक दिल्ली की सीमाओं को नहीं तोड़ते हैं।
रागिनी तिवारी ने जो वीडियो वायरल किया, उसमें पूर्वोत्तर दिल्ली के इलाकों में 50 से अधिक लोगों की जान लेने वाली मुस्लिम विरोधी हिंसा में उनकी भूमिका का उल्लेख किया गया था।
Ragini Tiwari used Facebook to incite violence against Muslims. Facebook along with Tiwari should have been booked under IPC 148(rioting)302(murder),120B (criminal conspiracy), 34(common intention) . But no action was taken.
— United Against Religious Hate (@officialuarh) December 12, 2020
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तिवारी का कहना है कि उमर खालिद और शारजील इमाम जैसे “देशद्रोहियों” की रिहाई की मांग के लिए किसानों के विरोध के पीछे वह अपनी आँखें बंद नहीं करेंगे।
वह यह भी कहती हैं कि छठ पूजा समारोह को COVID -19 चिंताओं और सवालों का हवाला देते हुए रोका गया था कि महामारी के खतरे के बावजूद विरोध क्यों नहीं रोका गया है।
वीडियो ने ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की है, जिसमें कई ट्वीट कर जिला पुलिस आयोग (डीसीपी), उत्तर पूर्वी दिल्ली को खुले खतरे के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।
डीसीपी ने यह कहते हुए जवाब दिया कि आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जाफराबाद के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ)।
गौरतलब है कि 10 दिसंबर को टीकरी सीमा पर किसान संगठन बीकेयू एकता उग्राहन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इमाम और खालिद सहित सभी राजनेताओं की रिहाई की मांग की गई थी।