राफेल डील पर राहुल गांधी हमलावर, सामना नहीं कर पा रही है सरकार!

   

राफेल डील को लेकर 38 महीने पुराना रक्षा मंत्रालय का एक नोट शुक्रवार को सामने आया। इस नोट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने नवंबर 2015 में कहा था कि राफेल डील पर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से समानांतर बातचीत की जा रही है।

मंत्रालय को इस पर आपत्ति थी। इस मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ये नए सबूत बताते हैं कि मोदी घोटाले के गुनहगार हैं। उन्होंने वायुसेना के 30 हजार करोड़ रुपए लूटकर अनिल अंबानी को दिए हैं।’’ हालांकि, मौजूदा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तत्कालीन रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने राहुल के दावों को खारिज कर दिया।

दैनिक भास्कर डॉट कॉम के अनुसार, अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट और न्यूज एजेंसी एएनआई की तरफ से जारी डिफेंस नोट के मुताबिक, राफेल डील पर रक्षा मंत्रालय ने 24 नवंबर 2015 को एक पत्र लिखकर पीएमओ के दखल पर ऐतराज जताया था।

नोट में कहा गया था कि यह साफ है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की समानांतर बातचीत से भारत और भारत के वार्ताकार दल की स्थिति कमजोर हुई है। पीएमओ के अफसरों ने फ्रांस के साथ बातचीत में जो कहा है, वह रक्षा मंत्रालय के रुख से एकदम विपरीत है।

तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा सचिव के नोट पर लिखा था- ऐसा प्रतीत होता है कि पीएमओ और फ्रांस का राष्ट्रपति कार्यालय शिखर वार्ता के फैसलों के अमल पर नजर रख रहा है। रक्षा सचिव इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ चर्चा कर सुलझा सकते हैं। अफसरों की आपत्ति ओवर रिएक्शन है।