CAA के खिलाफ़ राजस्थान सरकार विधानसभा में ला सकती है प्रस्ताव!

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राजस्थान विधानसभा का सत्र 24 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। यह सत्र एक दिन का भी हो सकता है, जो आगे बजट सत्र के रूप में बढ़ाया जाएगा।

 

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, यह सत्र राजनीतिक तौर पर गर्माहट पैदा करने वाला होगा, क्योंकि सरकार की तैयारी इसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध तथा लोकसभा, विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षण 10 साल बढ़ाने के संविधान संशोधन का समर्थन जताने का संकल्प पारित करने की है।

 

अब तक की तैयारी के अनुसार साल का पहला सत्र होने के कारण राज्यपाल के अभिभाषण से इसकी शुरुआत होगी। अभिभाषण में राज्य सरकार के कार्य और विजन का खुलासा होगा।

 

गौरतलब है कि सीएए के विरोध का सिलसिला केरल विधानसभा से शुरु हुआ था। कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में भी विधानसभा से सीएए के विरोध में संकल्प पारित हो चुका है और राजस्थान भी सीएए के विरोध में संकल्प पारित करने वाले राज्यों में शामिल होने जा रहा है।

 

बुलाई जा सकती है विशेष सत्र

लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का प्रावधान संविधान में अब तक 70 साल तक के लिए ही है, यह समयावधि 25 जनवरी 2020 को पूरी होने जा रही है।

 

संसद के दोनों सदन इस आरक्षण को 25 जनवरी 2030 तक बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पारित कर चुके हैं। इस प्रावधान को संविधान के माध्यम से लागू करने के लिए देश की आधी विधानसभाओं से समर्थन का प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है

 

ऐसे में राजस्थान सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पर समर्थन जताने के लिए 25 जनवरी से पहले ही संकल्प पारित करना होगा। इसी कारण 24 जनवरी को विशेष सत्र बुलाने की प्रक्रिया चल रही है।