राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारियों को कहा- ‘किसान आंदोलन लंबा चलेगा’

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नये कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के खिलाफ किसानों का आंदोलन 78 जारी है। वहीं दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों का हुजुम बढ़ता जा रहा है।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षाबल की तैनाती जारी है। कृषि कानूनों को लेकर केंद्र और किसान अपनी-अपनी रुख पर अड़े है।

कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारियों को कहा कि किसान आंदोलन लंबा चलेगा।

अपने आपको मजबूत कर लें। साथ ही उन्होंने केंद्र को कानूना रद्द करने को लेकर 2 अक्टूबर का समय दिया है।

उधर, चक्का जाम के बाद अब दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों ने रेल रोको अभियान का एलान किया है। 18 फरवरी को पूरे देश में किसान रेल का संचालन ठप करेंगे।

वहीं, 12 फरवरी से किसानों की आंदोलन को धार देने की कवायद शुरू होगी।

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई। इसमें अब तक आंदोलन की समीक्षा करने के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। सभी किसान संगठन केंद्र सरकार के वायदों के बावजूद अपने आंदोलन को तेज करने को राजी थे।

इसके लिए रेल रोकने के प्रस्ताव को कारगर माना गया। किसान नेताओं का मानना था कि सड़क रोकने के बाद अब अपने आंदोलन को अगले चरण में ले जाने के लिए रेलवे के पहिए को ठप करने की जरूरत है।

किसानों ने 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में 14 फरवरी को एक मोमबत्ती मार्च निकालने का भी फैसला किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि अपनी एक सप्ताह लंबी विरोध रणनीति के तहत राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जायेगा।

तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था।