उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में लगातार तीसरे दिन सुनवाई शुरू की। राम लला के वकील दलीलें जारी रखेंगे। राम लला विराजमान के वरिष्ठ वकील के परासरन ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि ‘जन्मस्थान’ की सटीक जगह नहीं है, लेकिन इसका मतलब आसपास के क्षेत्रों से भी हो सकता है।
पूरा क्षेत्र जन्मस्थान है। इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि यह जन्मस्थान भगवान राम का है। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष इस विवादित क्षेत्र को जनम स्थान कहते हैं।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, न्यायालय ने वरिष्ठ वकील से पूछा कि क्या जमनास्थान एक न्यायिक व्यक्ति हो सकता है? मूर्ति एक न्यायिक व्यक्ति हो सकता है लेकिन क्या एक स्थान या जन्मस्थान न्यायिक व्यक्ति हो सकता है? इसके जवाब में के परासरन ने कहा, ‘मूर्ति का वहां मौजूद होना कानूनी व्यक्ति के निर्धारण के लिए एकमात्र परीक्षण नहीं है।’