राम मंदिर निर्माण: 1200 खंभों के लिए खोदी जायेगी नींव!

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श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण नींव की खुदाई से पहले एक मीटर के व्यास में 100 फीट गहरा एक नींव का खंभा डाला जाएगा, जिसका केवल पाइलिंग टेस्ट होगा।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इसकी रिपोर्ट आने में समय लगेगा। नींव के मुख्य काम की शुरुआत अक्टूबर मध्य से हो पाएगी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र और ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने मंगलवार को परिसर में 3 घंटे तक लार्सन एंड टूब्रो कंपनी के इंजीनियरों के साथ बैठक की।

 

इसके बाद चंपत राय ने पत्रकारों बताया कि अभी टेस्टिंग के तौर पर सिर्फ एक 100 फीट की पाइलिंग होगी, इसके लिए एक मशीन भी लाई गई है। पाइलिंग कितनी मजबूत होगी, उसकी रिपोर्ट आने में एक माह लगेगा। इसके बाद नींव की खुदाई का काम शुरू होगा।

 

उन्होंने कहा कि 1200 खंभों के लिए भी नींव खोदी जाएगी। इसमें समय लगेगा। मुख्य काम की शुरुआत अक्टूबर मध्य से हो पाएगी। पूरे परिसर में 1200 जगहों पर पाइलिंग होनी है। पाइलिंग मशीनों से खंभों को खड़ा करने के लिए खुदाई की जाएगी।

 

उन्होंने बताया कि नींव की आयु मंदिर के पत्थर से ज्यादा हो इसके लिए आईआईटी चेन्नई टेस्टिंग का काम कर रहा है। कितनी गिट्टी, कितनी सीमेंट लगेगा उसपर होमवर्क हो रहा है।

 

चंपत राय ने बताया कि 1200 खंभों को 100 मीटर गहराई में लगाना है। इस काम की शुरुआत अक्टूबर के मध्य से ही हो पाएगा। यह तकनीकी काम है और इसमें समय लगेगा। एक-दो दिन इधर-उधर हो सकता है।

 

सभी लोग चाहते हैं कि मंदिर की नींव की आयु पत्थरों ज्यादा हो। आईआईटी चेन्नई में इस पर भी रिसर्च हो रहा है कि राम मंदिर निर्माण में कौन से सीमेंट, पत्थर, गिट्टी और किस नदी के मौरंग का इस्तेमाल किया जाएगा।

 

चंपत राय ने बताया कि लार्सन एंड टूब्रो कंपनी के इंजीनियर्स के चर्चा की गई है कि कैसे राम घाट से एक बार में पत्थरों की शिफ्टिंग हो। साथ ही परिसर की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर का नृपेंद्र मिश्र ने भी मंगलवार को निरीक्षण किया।

 

इससे पहले, अधिगृहीत परिसर की सुरक्षा के लिए गठित स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक हुई।

 

एडीजी सुरक्षा बीके सिंह ने कहा कि सुरक्षा संबंधी निर्णय लेने से पहले स्थालीय निरीक्षण करना आवश्यक होता है, ताकि बेहतर सुरक्षा खाका बनाया जा सके। सभी सदस्यों ने परिसर का भ्रमण कर सुरक्षा के क्या-क्या प्रबंध हो सकते हैं, इस पर अपनी-अपनी राय दी।

 

परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सार्वजनिक नहीं की जा सकती, लेकिन आने वाले दिनों में सुरक्षा के प्रबंध पहले से भी अधिक चाकचौबंद होंगे।