राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दिया बड़ा बयान!

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर को लेकर चुप्पी तोड़ी है।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि राम मंदिर का कोई विरोध नहीं कर रहा है लेकिन इन्होंने (BJP) न्यास में देश के चारों पीठों के शंकराचार्य को स्थान नहीं दिया और विश्व हिंदू परिषद और BJP के नेताओं को स्थान दिया।

 

ये न्यास को राजनीतिक ढंग से डील कर रहे हैं हम इसका विरोध करते हैं। 5 अगस्त को नरेंद्र मोदी जी अगर शिलान्यास कर रहे हैं तो उसमें हमारे धर्मगुरू और चारों पीठों के शंकराचार्य, रामानंद संप्रदाय के स्वामी रामनरेशाचार्य जी सबको आमंत्रित किया जाना चाहिए और न्यास में शामिल किया जाना चाहिए।

 

बता दें कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाना है।

 

इसके लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्साहित है। उन्होंने बताया कि 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे।

 

जमीन से साढ़े तीन फिट अंदर रखी जाने वाली ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक होगा।

 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए काशी के विद्वान पंडितों को बुलाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।

 

सूत्रों के अनुसार इस दौरान अयोध्या को भव्य तरीके सजाया जाएगा। इस दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को बुलाए जाने की चर्चा हो रही है।

 

बताया जा रहा है कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशाी के अलावा ऐसे नेताओं को भी बुलाया जा सकता है, जो कभी राममंदिर के पक्ष में दबे स्वर में ही बोलते रहे हो।

 

ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि एक अस्थायी कार्यक्रम तय किया है।

 

मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी होगा जहां लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में निकली पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।