राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने “राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” ट्रस्ट का गठन किया है, जिसकी पहली बैठक नई दिल्ली में 19 फरवरी को होनी है।
आज तक पर छपी खबर के अनुसार, इस बैठक से पहले ट्रस्ट के पास पुराने दान की रकम और चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा आने लगा है। नवगठित ट्रस्ट को अकूत संपत्ति मिलेगी। जल्द ही 70 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ट्रस्ट के नाम होगी।
बताया जाता है कि इसमें राम जन्मभूमि के नाम पर पहले से बने राम जन्मभूमि न्यास की लगभग 55 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति भी शामिल है। इसे जल्द ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ट्रांसफर भी कर दिया जाएगा।
इसकी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा राम जन्मभूमि की चढ़ावे की रकम भी नए ट्रस्ट को दी जाएगी, जो फिलहाल रिसीवर के तौर पर अयोध्या के जिलाधिकारी (डीएम) के पास है।
जानकारी के मुताबिक 19 फरवरी को होने वाली ट्रस्ट की पहली बैठक में राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के चंपत राय का मनोनयन भी किया जा सकता है।
इसके अलावा मंदिर निर्माण के शुभारंभ की तारीख भी तय की जा सकती है। माना यह जा रहा है कि नृत्य गोपाल दास और चंपत राय के ट्रस्ट में मनोनयन के बाद संपत्ति ट्रांसफर करने की शुरुआत हो जाएगी। ये दोनों ही अशोक सिंघल के बनाए राम जन्मभूमि न्यास के अहम सदस्य हैं।
न्यास के पास चंदे की रकम से लेकर मंदिर के लिए तराशे गए पत्थर भी हैं। न्यास से जुड़े लोगों की मानें तो पत्थरों की कीमत ही 30 करोड़ रुपये से अधिक है।
11.5 करोड़ रुपये बैंक में जमा हैं, जिसमें आठ करोड़ रुपये से अधिक की रकम रामलला के नाम पर एफडी हैं।
न्यास के पास राम जन्मभूमि क्षेत्र में 5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की जमीन है, जिसे पहली बैठक के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाना है।