हैदराबाद : रहमतों और बरकतों का महीना रमजान शुरू हो गया है। रोजे के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरुरी होता है, जो इस प्रकार है…..
– इस्लाम के अनुसार पांच बातें करने पर रोज़ा टूटा हुआ माना जाता है। ये पांच बातें हैं- बदनामी करना, लालच करना, पीठ पीछे बुराई करना, झूठ बोलना और झूठी कसम खाना।
– रमजान के दौरान मन को भी शुद्ध रखना होता है। मन में किसी के लिए बुरे ख्याल नहीं लाने चाहिए और पांच वक्त की नमाज पाबंधी के साथ पढ़नी चाहिए। साथ ही कुरान की तलावत करनी चाहिए।
-रोजे का मतलब यह नहीं है कि आप खाएं तो कुछ न, लेकिन खाने के बारे में सोचते रहें। रोजे के दौरान खाने के बारे में सोचन भी नहीं चाहिए। कहा जाता है इससे रोजा मकरुह हो जाता है।
– रोजे का मतलब बस उस अल्लाह के नाम पर भूखे-प्यासे रहना ही नहीं है, बल्कि इस दौरान आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखा जाता है। इस बात का मतलब यह है कि इस दौरान कुछ बुरा न देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा बोलें।
– रोजे का मुख्य नियम यह है कि रोजा रखने वाला मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के दौरान कुछ भी न खाए।
– रोजे के हालत में औरत के लिए मन में बुरे विचार या शारीरिक संबंधों के बारे में सोचने पर भी मनाही होती है। इसलिए रोजे के दौरान तलावत पर ध्यान देना चाहिए।
– सहरी, रोजे का अहम हिस्सा है। सहरी का मतलब होता है सुबह। रोजे का नियम है कि सूरज निकलने से पहले उठकर रोजेदार को कुछ खाना-पीना चाहिए। सूरज उगने के बाद रोजदार सहरी नहीं ले सकते। या यू कहें कि सुबह के आजान के बाद सहरी नहीं कर सकते हैं।
– सहरी की ही तरह रोजे का दूसरा अहम हिस्सा है इफ्तार। सहरी के बाद सूर्यास्त तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है। सूरज अस्त हो जाने के बाद रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं।