चंदौली से पकड़े गए आईएसआई एजेंट राशिद की रिमांड गुरुवार की शाम पूरी हो गई। उसे वापस जेल भेज दिया गया है। वहीं राशिद से पूछताछ के दौरान 49 ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से आईएसआई के संपर्क में थे।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, राशिद ने जो दो सिमकार्ड खरीद कर उस पर पाकिस्तान से व्हाट्स एप एक्टिवेट कराने में मदद की थी।
उन नंबरों पर भारत में जासूसी के लिए व्हाट्स एप ग्रुप चलाए जा रहे थे। जिन दो नंबरों पर आए व्हाट्स एप ओटीपी को पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के अधिकारियों को बताया था उसमें से एक मोबाइल नंबर को एटीएस ने रिकवर कर लिया है।
इस नंबर पर ‘जिंदगी न मिलेगी’ नाम का एक व्हाट्स एप ग्रुप चलाया जा रहा था।
इस ग्रुप में 75 से अधिक सदस्य थे जिसमें भारत के करीब 49 नंबर जुड़े हुए थे। इतना ही नहीं इस ग्रुप में खुद राशिद और राशिद का मौसेरा भाई शाहबेज भी जुड़ा हुआ है।
एटीएस ने ग्रुप तो रिकवर कर लिए हैं लेकिन चैट रिकवर नहीं हो पाई है।
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि राशिद से पूछताछ में सामने आया है कि उक्त ग्रुप का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा रहा था। हालांकि एटीएस ने व्हाट्स एप सर्वर से इस नंबर पर की गई चैट का भी डाटा मांगा है।