सलाहकार समिति के तीनों सदस्य कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगा स्वामी को हितों के टकराव के मामले में नोटिस भेजा
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री को एक बार फिर से नियुक्ति की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। वह भी बिना किसी कसूर के। शास्त्री हाल ही में 2021 में भारत में होने वाले वर्ल्ड टी20 तक टीम इंडिया के कोच नियुक्त किया गया था।
Conflict of interest fiasco in Indian cricket takes a fresh turnhttps://t.co/yDeutUAug3
— CrickIt (@CrickitbyHT) September 29, 2019
इस नियुक्ति की वजह उनके चयन प्रक्रिेया में शामिल रही उन्हें चुनने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के हितों के टकराव के मामले मे दोषी होने की संभावना के चलते बताई जा रही है।
‘Ravi Shastri has to be reappointed as India head coach if Kapil Dev’s CAC comes under conflict of interest’: Reporthttps://t.co/TMkSswQrms
— Hindustan Times (@HindustanTimes) September 29, 2019
नीति अधिकारी दोषी पा सकते हैं. बीसीसीआई के नीति (एथिक्स) अधिकारी डीके जैन यदि हितों के टकराव मामल में क्रिकेट सलाहकार समिति दोषी पाते हैं तो ऐसे में रवि शास्त्री को दोबारा नियुक्त करने की नौबत आ सकती है।
दरअसल सीएसी ने हाल ही में रवि शास्त्री को टीम इंडिया के हेड कोच के लिए चुना था। इसके साथ ही शास्त्री का कार्यकाल 2021 तक बढ़ा दिया गया था।
जैन ने शनिवार को ही सलाहकार समिति के तीनों सदस्य कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगा स्वामी को हितों के टकराव के मामले में नोटिस भेजा है।
जैन ने तीनों से एमपीसीए के जीवनपर्यंत सदस्य संजीव गुप्ता के उस खत का जवाब देने को कहा है जिसमें इन तीनों को लेकर आरोप लगा है कि इन तीनों ने लोढ़ा समिति के प्रस्ताव एक व्यक्ति एक पद का उल्लंघन किया है।