एटीएम कार्ड यूजर्स के लिए आरबीआई ने किया बड़ा ऐलान, बदला नियम!

   

RBI ने बदला ट्रांजेक्शन से जुड़ा नियम- RBI ने बीते 20 सितंबर को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें टर्न अराउंड टाइम को लेकर ​दिशा निर्देश दिया गया है

भारतीय रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन और ATM के जरिए ट्रांजेक्शन यानी पैसों के लेन-देने करने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। डेबिट कार्ड समेत खातों से अन्य तरह के ट्रांजेक्शन फेल होने पर इनसे निपटने के लिए बैंकों के पास अब कुछ ही दिन ही मिलेंगे।

मतलब साफ है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस करते वक्त खाते से पैसे तो कट जाते हैं, लेकिन मर्चेंट को भुगतान नहीं हो पाता। वहीं, ATM यानी डेबिट कार्ड स्वाइप करते वक्त भी कई बार ऐसा होता है।

ऐसे में ग्राहकों को टेंशन बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसीलिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इसके लिए नए दिशा-निर्देश तय किए हैं, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।

किसी मर्चेंट को पेमेंट करते वक्त अगर खाते से पैसे कट जाते हैं, लेकिन मर्चेंट को भुगतान नहीं हो पाता है तो इसे फेल्ड ट्रांजैक्शन कहा जाता है।

आरबीआई ने ई-कॉमर्स पेमेंट को और सुविधाजनक तथा सहूलियतभरा बनाने के लिए शुक्रवार को टर्न अराउंड टाइम पर जारी अपनी गाइडलाइंस में स्पष्ट कर दिया है कि बैंकों को ‘फेल्ड डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस’ के मुद्दे को पांच दिनों के भीतर सुलझाना होगा।

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने फेल्ड एटीएम, स्वाइप मशीन तथा आधार ऐनेबल्ड पेमेंट्स ट्रांजैक्शंस का मुद्दा पांच दिनों के भीतर तथा आईएमपीएस से जुड़े फेल्ड ट्रांजैक्शंस का मुद्दा एक दिन के भीतर सुलझाने का निर्देश दिया है।

डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, RBI ने बदला ट्रांजेक्शन से जुड़ा नियम- RBI ने बीते 20 सितंबर को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें टर्न अराउंड टाइम को लेकर ​दिशा निर्देश दिया गया है।

रिजर्व बैंक ने सभी पेमेंट ऑपरेटर्स को इस तरह के फेल ट्रांजैक्शन को तय अ​वधि के अंदर निपटाने का का निर्देश दिया है। आरबीआई ने साफ किया है कि ​यदि इस तरह के मामलों को समय रहते हुए नहीं निपटाया जाता है तो बैंकों को इसके लिए हर्जाना भरना होगा। इन निर्देशों के बारे में आप आरबीआई की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।