RBI के बगैर मर्ज़ी की गयी नोटबंदी, सरकार को किया गया था आगाह!

   

केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल ने देश की आर्थिक वृद्धि पर नाटेबंदी का अल्पकालीन नकारात्मक प्रभाव पड़ने को लेकर मोदी सरकार को आगाह किया था।

प्रभात खबर पर छपी खबर के अनुसार, बोर्ड ने कहा था कि इस अप्रत्याशित कदम का कालाधन की समस्या से निपटने के लिये कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा। निदेशक मंडल में आरबीआई के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल थे।

सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में दिये गये बैठक के ब्योरे के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा को लेकर राष्ट्र को संबोधन से केवल ढाई घंटे पहले आरबीआई निदेशक मंडल की बैठक हुई।

सरकार के 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से हटाये जाने के कदम का मुख्य मकसद कालाधन पर अंकुश लगाना था। चलन वाले कुल नोट में बड़ी रकम वाले नोट की हिस्सेदारी 86 फीसदी थी।