RBI ने रेपो रेट में की कमी, EMI को लेकर किया बड़ा ऐलान!

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रेपो रेट 4.4 प्रतिशत से घटकर 4.0 फीसदी करने का ऐलान किया है।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इससे ब्याज दरों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि कि लॉकडाउन के चलते मांग और उत्पादन दोनों में कमी आई है। साथ ही कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था को हुआ है।

 

उन्होंने कहा कि हालांकि देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है, लेकिन दालों की कीमतों में बढ़ोत्तरी चिंता विषय है।

 

आरबीआई गर्वनर ने साफ कहा कि जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रहेगी । साथ ही उन्होंने कि आयात और निर्यात में कमी आई है, लेकिन महंगाई दर के काबू में रहने का अनुमान लाया जा रहा है ।

 

इसके अलावा उन्होंने लोन के मोटेरियम की सीमा को 3 महीने और बढ़ाने का ऐलान किया है। जिसके चलते उपभोक्ता 3 महीने और EMI को आगे बढ़ा सकेंगे।

 

कोरोना संकट की वजह से 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज हो सकती है।

 

 

 

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट इन पर छपी खबर के अनुसार, रिजर्व बैंक ने अनुमान जताया है कि ल़ॉकडाउन की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव हो सकती है। आज मीडिया को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने ये अनुमान दिया है।

 

 

 

गर्वनर के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले टॉप 6 राज्यों पर महामारी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।

 

 

 

वहीं बिजली और ईंधन की मांग में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। रिजर्व बैंक के गर्वनर के मुताबिक फिलहाल सबसे बड़ी चिंता ये है कि देश में उत्पादन और मांग दोनो में ही गिरावट का रुख बना हुआ है।

 

 

 

निजी खपत पर सबसे बड़ा झटका देखने को मिला है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। मर्चेन्डाइज एक्सपोर्ट 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

 

 

 

गर्वनर के मुताबिक मौजूदा हालातों को देखते हुए महंगाई दर को लेकर अनिश्चितता काफी बढ़ गई है।

 

 

 

अप्रैल के महीने से शुरू हुआ सप्लाई पर दबाव आगे कई महीनों तक बना रह सकता है, जिससे महंगाई दर पर भी असर संभव है। उम्मीद है कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से महंगाई दर पर दबाव कम होगा।